ग्राम भूलामोहगांव निवासी किसान फिफता उइके ने कोतवाली थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि ग्राम में खसरा नंबर ५६६, ५७०, ५७५, ५७६, ५८०, ५८६ कुल रकबा करीब ३.४२० हेक्टेयर भूमि है। उक्त भूमि पेंच व्यपवर्तन परियोजना के बांध के डूब क्षेत्र में चली गई। इस संबंध में उसे अनुविभागीय अधिकारी के छिंदवाड़ा के कार्यालय से कोई नोटिस नहीं मिला। आस-पास के किसानों को नोटिस मिल चुका था। फिफता उइके अपने दामाद के साथ २६ अगस्त २०१५ को छिंदवाड़ा एसडीएम कार्यालय पहुंचा और जानकारी मांगी तो वहां पदस्थ बाबू ने फाइल निकालकर बताया कि तुम्हारा इलाज चल रहा है जिसमें एक पर्ची भी लगी है। तुम्हारे बैंक खाते में ३२ लाख ९८ हजार रुपए डाल दिए गए हैं। बैंक पहुंचकर जानकारी जुटाई तो पता चला कि खाते से रुपए निकाल लिए गए हैं।
कोतवाली में दर्ज कराई रिपोर्ट
किसान फिफता उइके ने कोतवाली थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर छानबीन शुरू की तो सामने आया कि आरोपियों ने मिलकर किसान फिफता उइके के नाम का फर्जी वोटर आइडी और राशन कार्ड बनाकर बैंक में खाता खोला था। मंगलसिंह ने फिफता उइके के रूप में स्वयं को प्रतिस्थापित कर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए। अन्य आरोपी भी इस धोखाधड़ी में शामिल रहे। पुलिस ने साक्ष्य जुटाकर आरोपितों को हिरासत में लेकर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया।
न्यायालय ने यह सुनाई सजा
आरोपी राजाराम वर्मा को सात साल के सश्रम कारावास की सजा और ५ लाख ५३ हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। राजेश वर्मा को सात साल सश्रम कारावास एवं ५३ हजार रुपए का अर्थदंड, मंगल इवनाती को सात साल सश्रम कारावास एवं ५३ हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। आरोपी राजू साहू को सात साल के सश्रम कारावास एवं ५ लाख ५३ हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई। फैसला सुनाए जाने के बाद आरोपियों को जिला जेल भेजने के आदेश दे दिए थे।