Freedom fighter: आजादी की अलख जगाने वाले ‘जनसेवक’ का निधन, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
छिंदवाड़ाPublished: Oct 12, 2023 01:06:17 pm
100 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रूपचंद्र राय थे बीमार


Bad news: आजादी की अलख जगाने वाले ‘जनसेवक’ का निधन, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
छिंदवाड़ा. 100 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रूपचंद्र राय बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। अंतिम विदाई देने लोगों का हुजूम उमड़ा। वे काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और अस्पताल में भर्ती थे। बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ पातालेश्वर मोक्ष धाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इसके पूर्व शहीद स्मारक पर उनका पार्थिव शरीर आमजन के दर्शनार्थ रखा गया था, जहां पर कलेक्टर मनोज पुष्प एवं पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए एवं पुलिस बल की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। शोक शस्त्र एवं शोक फायर किया गया। पाटनी चौक निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रूपचंद राय हमेशा लोगों से जुड़े रहे और हित में काम करते रहे। इसी वजह से उन्हें जनसेवक भी कहा जाता था। देश को आजाद कराने के लिए उन्होंने अंग्रेजों से लोहा लिया और जेल भी गए। सन 1923 में छिंदवाड़ा के पाटनी चौक निवासी नत्थू लाल राय और सीताबाई राय के यहां जन्म लिए रूपचंद्र राय ने जनसेवा को ही अपना कर्तव्य पथ माना। वे गांधी जी के असहयोग आन्दोलन से प्रेरित हुए और अंग्रेजो का खुलकर विरोध किया। बचपन में उन्होंने स्कूल में अंग्रेजों का झंडा उतार कर तिरंगा झंडा फहराकर देशभक्ति की एक झलक दिखलाई। तिरंगा झंडा फहराने के आरोप में उन्हें छिंदवाड़ा के मथुरा प्रसाद स्कूल से निकाल दिया गया। तब से वह निरंतर अंग्रेजों के विरुद्ध में चल रहे आंदोलन में शामिल होते रहे। जबलपुर में धरणीधर बाजपेई, बाबूराव परांजपे के नेतृत्व में उन्होंने लगातार आजादी के आंदोलन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्हें अंग्रेजों द्वारा छिंदवाड़ा से जिला बदर भी किया गया और अनेकों बार जेल में भी भेजा गया, लेकिन उनका अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन वरिष्ठ नेताओं के संरक्षण में आजादी के मिलने तक जारी रहा।