हर वर्ष सजाई जाती थी चलित झांकी
समिति द्वारा कोरोना काल से पहले हर वर्ष विघ्नहर्ता गणेश की संदेशात्मक चलित झांकी सजाई जाती थी। लगभग 15 फीट की गणेश प्रतिमा नागपुर से लाई जाती थी। भगवान भक्तों को पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ सहित अन्य संदेश देकर जागरुक करते थे। विसर्जन के दिन नागपुर, मुंबई, अमरावती, पूणे से ढोल-बाजों की टीम बुलाई जाती थी। डिस्को लाइट, आतिशबाजी के साथ भगवान को विदाई दी जाती थी, लेकिन इस बार कोरोना गाइडलाइन के चलते लगभग सभी गतिविधियों पर अंकुश लग गया है।
समिति द्वारा कोरोना काल से पहले हर वर्ष विघ्नहर्ता गणेश की संदेशात्मक चलित झांकी सजाई जाती थी। लगभग 15 फीट की गणेश प्रतिमा नागपुर से लाई जाती थी। भगवान भक्तों को पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ सहित अन्य संदेश देकर जागरुक करते थे। विसर्जन के दिन नागपुर, मुंबई, अमरावती, पूणे से ढोल-बाजों की टीम बुलाई जाती थी। डिस्को लाइट, आतिशबाजी के साथ भगवान को विदाई दी जाती थी, लेकिन इस बार कोरोना गाइडलाइन के चलते लगभग सभी गतिविधियों पर अंकुश लग गया है।