किसी और के खाते में कैसे पहुंच जाती है गैस सब्सिडी की राशि
दस्तावेज जमा करने के बाद भी राहत नहीं... आपत्ति दर्ज कराने पर होता है सुधार

छिंदवाड़ा . रसोई गैस सिलेंडर पर उपभोक्ताओं को मिलने वाली सब्सिडी कभी भी बंद कर दी जाती है जिसे पुन: शुरू करवाने के लिए गैस एजेंसी और बैंक के चक्कर काटने पड़ते हैं। सब्सिडी के बारे में पता करने पर बैंक दस्तावेज जमा करने को कहता है तो एजेंसियों के कर्मचारी खाते में सब्सिड़ी पहुंचने की बात करते हैं। ऐसे कई उपभोक्ता हैं जो सब्सिडी के लिए चक्कर लगाने को
मजबूर हैं। आमतौर पर दस्तावेज जमा करने पर सब्सिडी मिलने लगती है, लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर जो सब्सिडी खाते में नहीं पहुंचती है वह जाती कहां है।
प्रकरण एक
छोटी बाजार निवासी कमलेश मथुरिया ने बताया कि गैस एजेंसी में दस्तावेज जमा करने के बाद भी लम्बे समय से उन्हें सब्सिडी नहीं मिली।
जब जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि सब्सिडी किसी अन्य के खाते में जा रही है। शिकायत करने के कुछ दिन बाद फिर उनके
खाते में सब्सिडी पहुंची। कमलेश मथुरिया ने एजेंसी की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाए कि जब एजेंसी में सही दस्तावेज जमा हैं तो किसी और के खाते में सब्सिडी कैसे पहुंची।
प्रकरण दो
छिंदवाड़ा निवासी राकेश महेंदेले ने बताया कि गैस सब्सिडी के लिए जिस बैंक खाते की जानकारी गैस एजेंसी को दी गई उस खाते में सब्सिडी नहीं पहुंची। जब एजेंसी के कर्मचारियों से पूछा गया तो उन्होंने किसी अन्य बैंक का खाता बता दिया कि उस खाते में सब्सिडी जा रही है। राकेश ने यह सवाल उठाएं हैं जिस बैंक में खाता ही नहीं है उस खाते में राशि कैसे जा सकती है। शिकायत के बाद खुद के खाते में राशि पहुंचने लगी, लेकिन पहले की राशि का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
शिकायत का निराकरण किया जाता है
अगर किसी उपभोक्ता को गैस सब्सिडी मिलने में समस्या आ रही है तो वह शिकायत कर सकता है। विभाग पोर्टल के माध्यम से उसकी शिकायत आगे बढ़ा देते हैं। शिकायत का निराकरण कर दिया जाता है।
डीके मिश्रा, सहायक आपूर्ति अधिकारी, छिंदवाड़ा
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