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GIS Mapping: छिपे हुए मकान भी अब टैक्स के दायरे में

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 20, 2021 10:45:26 am

Submitted by:

prabha shankar

नए सत्र में सम्पत्तिकर से 40 प्रतिशत राजस्व का होगा इजाफा

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छिंदवाड़ा। निगम द्वारा जीआइएस सर्वे जारी है जो दो माह में पूरा हो जाएगा। प्रत्येक वार्ड का सर्वे कई बिंदुओं के तहत हो रहा है। हालांकि निजी कंसल्टेंसी एजेंसी के सर्वे के बाद नगर निगम के मैदानी कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

दरअसल, सर्वे के बाद निगम क्षेत्र में 30 हजार से अधिक ऐसे भवनों की जानकारी मिली है, जिनके द्वारा अब तक निगम को या तो कम सम्पत्तिकर दिया जा रहा था, या फिर एक भी सम्पत्तिकर नहीं मिल रहा था। ये आंकड़े 30 वार्डों के तुलनात्मक दस्तावेजों के आकलन के बाद निकल कर सामने आ रहे हैं। जीआइएस मैपिंग के बाद निगम को अनुमानत: तीन से चार करोड़ तक की अतिरिक्त वार्षिक आय का इजाफा होने की सम्भावना है।

इन वार्डों की जमा हो गई तुलनात्मक सीट
न गर निगम द्वारा कंसल्टेंसी एजेंसी को 52 हजार मकानों की सूची सहित निगम के समस्त वार्डों की अचल संपत्तियों की जानकारी एकत्र करने की जिम्मेदारी दी गई थी। एजेंसी द्वारा पहले चरण में वार्ड 6, 7, 11, 12, 18, 20, 36, 37, 44, 45, 47, और 48 के दस्तावेज एवं मैपिंग निगम को सौंप दी गई। 10 दिनों में वार्ड क्रमांक 01, 02, 03, 04, 08, 10, 17, 21, 23, 25, 31, 33, 34, 35, 38, 39, 40, और 43 सहित 18 वार्डों की तुलनात्मक सीट व मैपिंग निगम के राजस्व विभाग के पास पहुंच जाएगी।

सम्पत्तिकर, जलकर का भी लिया ब्योरा
कंसल्टेंसी टीम के मुख्य सर्वेयर मुकेश धाकड़ ने बताया कि निगम के रिकॉर्ड में अब प्रत्येक भवन स्वामी के मकान की जानकारी क्रमवार है। इसमें जोन नंबर, वार्ड नम्बर, फ्लोर संख्या, भवन/प्रॉपर्टी की फ ोटो, यूनिक आइडी, प्रापर्टी मालिक का नाम, बिल्ंिडग नाम, स्ट्रीट नम्बर, कॉलोनी-मोहल्ला, टेलीफ ोन नम्बर, करंट टैक्स रेट जोन, पुरानी प्रॉपर्टी टैक्स की फ ोटो, मालिकत्व, पार्किंग एरिया, खाली एरिया, बेसमेंट, सहित आधा सैकड़ा से अधिक जानकारी शामिल है।

दो महीने में सभी वार्डों की हो जाएगी मैपिंग
निजी कंसल्टेंसी एजेंसी द्वारा 30 वार्डों का सर्वे किया जा चुका है। इसमें 12 वार्डों की तुलनात्मक सूची निगम को सौंपी जा चुकी है। इन 12 वार्डों का दस्तावेजी कार्य और मैपिंग पूरी हो चुकी। 18 वार्डों का भी दस्तावेजी कार्य किया जा चुका है, जीआइएस मैपिंग 30 सितम्बर तक कर ली जाएगी। डेढ़ दर्जन वार्डों की सूची भी 30 सितम्बर तक निगम को सौंप दी जाएगी। वहीं अक्टूबर एवं नवम्बर के महीनों में शेष रह गए 18 वार्डों का भी दस्तावेजीकरण एवं मैपिंग पूरी कर लिए जाने की बात कही जा रही है।


एक क्लिक में होगी निगम के पास सारी जानकारी
निगम के कम्प्यूटर पर एक क्लिक करने मात्र से हर एक बने हुए भवन, खुले प्लॉट, व्यावसायिक भवन, धार्मिक स्थल, सरकारी भूमि, रिहायशी एवं रिहायशी व्यावसायिक संयुक्त, भवनों की जानकारी होगी। साथ ही निगम के पास रहवासियों के कितने भूभाग में बने हुए मकान की जानकारी पहले थी और अब कितनी हो चुकी है इसकी जानकारी भी निगम के पास पहुंच चुकी है। भवन पहली मंजिल से लेकर कितनी मंजिल तक बना हुआ है उसका पूरा एरिया रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। निगम के पास वार्डवार, मकान मालिक से लेकर भूमि मालिक तक ब्योरा होगा।

इनका कहना है
निजी कंसल्टेंसी एजेंसी को जीआइएस मैपिंग का कार्य दिया गया था। इनके द्वारा निगम क्षेत्र के अंतर्गत सभी वार्डों की जीआइएस मैपिंग की जा रही है। मैपिंग एवं दस्तावेजों के बाद हजारों भवन सम्पत्तिकर के दायरे में आ जाएंगे।
– हिमंाशु सिंह, आयुक्त नगर निगम

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