script

GIS Survey: जल्द ही सेटेलाइट की जद में होगा शहर का हर एक घर

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 17, 2021 11:08:42 am

Submitted by:

prabha shankar

सम्पत्तिकर का ग्राफ बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा जीआइएस सर्वे

chhindwara

chhindwara

छिंदवाड़ा। नगरनिगम क्षेत्र में शामिल सभी घर जल्द ही सेटेलाइट की जद में होंगे। इससे जहां सम्पत्तिकर का निर्धारिण करने में आसानी होगी वहीं माना जा रहा है कि इस कर में 14 फीसदी तक इजाफा भी होगा।
दरअसल नगर निगम छिंदवाड़ा लगातार खुद को अपडेट एवं डिजिटल करता जा रहा है। सम्पत्तिकर, पानी के बिल, भवन अनुमति जैसे कार्य ऑनलाइन होने लगे हैं। वहीं अब जल्द ही नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सभी मकानों का डाटा भी विभागीय पोर्टल में अपलोड होगा। इसके लिए 2019 में भोपाल की एक कम्पनी को जिम्मेदारी भी दी जा चुकी है। उसे एक साल में काम पूरा कर रिपोर्ट निगम को सौंपनी थी, लेकिन मार्च 2020 से 3-4 माह तक कोरोना एवं लॉकडाउन के कारण काम पीछे हो गया।
फिलहाल कम्पनी द्वारा सभी 48 वार्डों की जीआइएस (ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम) मैपिंग और करीब 30 वार्डों में डोर टू डोर सर्वें कर लिया गया है। अधिकारियों की मानें तो आने वाले समय में निगम के टैक्स एरिया का दायरा करीब 14 प्रतिशत बढ़ सकता है। वहीं टैक्स के डिमांड में भी खासा इजाफा हो सकता है।

छिपी हुई सम्पत्तियां भी आएंगी सेटेलाइट की नजर में
पहले 44 हजार मकान सम्पत्तिकर के दायरे में थे। निगम बना और दो
दर्जन से अधिक गांवों के मकान भी सम्पत्तिकर के दायरे मे आ गए। नगर निगम की राजस्व टीम ने वर्ष 2016-17 में सर्वे करके करीब और आठ हजार मकानों को संपत्तिकर के दायरे में शामिल किया। लेकिन जीआइएस के माध्यम से अब ऐसी संपत्तियां भी निगम के टैक्स के दायरे में आ जाएंगी जो अभी तक छिपी हुईं थीं। वर्तमान में निगम में स्वघोषणा के आधार पर टैक्स की सीमा निर्धारित होती है, लेकिन जीआइएस सर्वे के बाद मकान नम्बर डालते ही पूरे मकान का नक्शा कम्प्यूटर पर सामने आ जाएगा।

इनका कहना है
सभी वार्डों में जीआइएस सर्वे पूरा हो चुका है। 30 से अधिक वार्डों में डोर टू डोर सर्वे भी किया जा चुका है। परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो जल्द ही कम्पनी निगम को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है।
ईश्वर सिंह चंदेली, (इइ निगम) नोडल अधिकारी जीआईएस सर्वे

मैपकास्ट के माध्यम से नए बने हुए मकान भी जानकारी में आ जाएंगे। निगम के राजस्व में इजाफ ा होगा। सम्पत्तिकर निर्धारण में भी सरलता होगी। सेटेलाइट सर्वे से निगम के पास रिकॉर्ड संधारित रहेगा।
हिमांशु सिंह, आयुक्त नगर निगम छिंदवाड़ा

ट्रेंडिंग वीडियो