छिपी हुई सम्पत्तियां भी आएंगी सेटेलाइट की नजर में
पहले 44 हजार मकान सम्पत्तिकर के दायरे में थे। निगम बना और दो
दर्जन से अधिक गांवों के मकान भी सम्पत्तिकर के दायरे मे आ गए। नगर निगम की राजस्व टीम ने वर्ष 2016-17 में सर्वे करके करीब और आठ हजार मकानों को संपत्तिकर के दायरे में शामिल किया। लेकिन जीआइएस के माध्यम से अब ऐसी संपत्तियां भी निगम के टैक्स के दायरे में आ जाएंगी जो अभी तक छिपी हुईं थीं। वर्तमान में निगम में स्वघोषणा के आधार पर टैक्स की सीमा निर्धारित होती है, लेकिन जीआइएस सर्वे के बाद मकान नम्बर डालते ही पूरे मकान का नक्शा कम्प्यूटर पर सामने आ जाएगा।
इनका कहना है
सभी वार्डों में जीआइएस सर्वे पूरा हो चुका है। 30 से अधिक वार्डों में डोर टू डोर सर्वे भी किया जा चुका है। परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो जल्द ही कम्पनी निगम को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है।
ईश्वर सिंह चंदेली, (इइ निगम) नोडल अधिकारी जीआईएस सर्वे
मैपकास्ट के माध्यम से नए बने हुए मकान भी जानकारी में आ जाएंगे। निगम के राजस्व में इजाफ ा होगा। सम्पत्तिकर निर्धारण में भी सरलता होगी। सेटेलाइट सर्वे से निगम के पास रिकॉर्ड संधारित रहेगा।
हिमांशु सिंह, आयुक्त नगर निगम छिंदवाड़ा