जिले में संचालित समूह के उत्पादों को जिला मुख्यालय पर रखकर बेचने के लिए अभी तक कोई ठिकाना नहीं था, इसलिए गांव में बनने वाले हर सामान को शहर में पहचान नहीं मिल सकी। अच्छी गुणवत्ता वाला उत्पाद होने के बावजूद हर हाथ तक नहीं पहुंच सका। अब ऐसा कतई नहीं होगा। आजीविका मिशन के प्रत्येक समूह की सामग्री उन्हीं के माध्यम से बेची जाएगी जिसका पूरा फायदा भी समूह की महिलाओं को ही मिलेगा। कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित तीन दुकानों में से एक को शोरूम की भांती तैयार कर उससे जिलेभर के समूह की सामग्री बेची जाएगी। सामग्री के खत्म होने पर समूहों से यहां तक सप्लाई दी जाएगी। अधिक उत्पादन और बिक्री को लेकर गुरुवार को जिला पंचायत सीइओ गजेन्द्र सिंह नागेश ने आजीविका मिशन के अधिकारियों और कर्मचारियों से करीब एक घण्टे चर्चा की जिसमें उन्होंने भविष्य को देखते हुए योजना भी तैयार की है।
सीइओ ने खरीदे दोना और नाश्ता प्लेट
जुन्नारदेव ब्लॉक के राखीकोल गांव के आजीविका मिशन समूह की महिलाएं जंगल से माहुल के पत्ते लाकर दोना, पत्तल और नाश्ता प्लेट तैयार करतीं हैं। गुरुवार को समूह की कुछ महिलाएं दोना, पत्त और नाश्ता प्लेट लेकर जिला पंचायत पहुंची। सीइओ गजेन्द्र सिंह नागेश ने महिलाओं से चर्चा कर सामग्री देखी। महिलाओं के द्वारा बनाए जा रहे सामान की तारीफ की। दोना और पत्तल बनाने वाली मशीन भी देखी। उन्होंने मौजूद महिलाओं से कहा समूहों की सामग्री अब कलेक्ट्रेट के अंदर खोले जाने वाले आउटलेट से बेची जाएगी, जिसमें आप लोगों के द्वारा बनाए जा रहे दोने और पत्तल भी होंगे। इस दौरान जिला पंचायत सीइओ गजेन्द्र सिंह नागेश, जिला पंचायत के अतिरिक्त सीइओ एसके गुप्ता एवं परियोजना अधिकारी सुधीर कृषक ने सभी दोना, पत्तल और नाश्ते की प्लेट खरीद लिए।
कलेक्ट्रेट में होगा आउटलेट
आजीविका मिशन के सभी समूह कि सामग्री अब कलेक्ट्रेट के आउटलेट स्टोर से बेची जाएगी। गुरुवार को मैंने दोना और पत्तल बनाने वाले राखीकोल के समूह की महिलाओं से चर्चा की है।
-गजेन्द्र सिंह नागेश, सीइओ, जिला पंचायत, छिंदवाड़ा