रक्तदान करने से जुड़ी कुछ बातें
- एक स्वस्थ व्यक्ति 65 वर्ष की आयु तक रक्तदान कर सकता है।
- प्रत्येक तीन माह में रक्तदान किया जा सकता है।
- रक्तदान से मानव शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं।
- यह दिल के दौरे से बचाता है, ब्लड प्रेशर कम करता है, कोलेस्ट्राल कम करता है और मोटापे को नियंत्रित करता है।
- खून एक ऐसी चीज है जिसे बनाया नहीं जा सकता।
- यह मानव शरीर में अपने आप बनता है। रक्तदान को महादान कहते हैं। अगर सही समय पर रक्त उपलब्ध हो तो कई अनमोल जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
-------------------------------------- हर वक्त रक्तदान को रहता हूं तैयार
मोहननगर निवासी 28 वर्षीय बलजीत सिंह व्यापारी हैं। वे आठ वर्ष से रक्तदान कर रहे हैं। बलजीत का ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव है। उन्होंने बताया कि एक बार मेरे दोस्त ने मुझे बताया कि मेरा रेयर ब्लड ग्रूप है। भगवान कम ही लोगों को ऐसा मौका देता है। मैं शुक्रगुजार हूं। दोस्त ने मुझे प्रेरित किया कि मैं मरीजों की जान बचाने के लिए रक्तदान करूं। इसके बाद मैं खुद ही जिला अस्पताल पहुंच गया और अपना नाम और ब्लड ग्रुप दर्ज करा दिया। इसके अलावा विभिन्न ग्रुप को भी सूचना दे दी कि अगर किसी को रक्त की आवश्यकता पड़े तो मुझे फोन कर बुला लें। इसके बाद 20 वर्ष की उम्र में मेरा रक्तदान करने का सिलसिला शुरु हुआ। मुझे जब भी कोई रक्तदान के लिए बुलाता है मैं पहुंच जाता हूं। पहले मेरे परिजन इसके लिए मना करते थे, लेकिन इसके फायदे जानकर वे भी प्रेरित हुए और रक्तदान करने लगे।
मोहननगर निवासी 28 वर्षीय बलजीत सिंह व्यापारी हैं। वे आठ वर्ष से रक्तदान कर रहे हैं। बलजीत का ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव है। उन्होंने बताया कि एक बार मेरे दोस्त ने मुझे बताया कि मेरा रेयर ब्लड ग्रूप है। भगवान कम ही लोगों को ऐसा मौका देता है। मैं शुक्रगुजार हूं। दोस्त ने मुझे प्रेरित किया कि मैं मरीजों की जान बचाने के लिए रक्तदान करूं। इसके बाद मैं खुद ही जिला अस्पताल पहुंच गया और अपना नाम और ब्लड ग्रुप दर्ज करा दिया। इसके अलावा विभिन्न ग्रुप को भी सूचना दे दी कि अगर किसी को रक्त की आवश्यकता पड़े तो मुझे फोन कर बुला लें। इसके बाद 20 वर्ष की उम्र में मेरा रक्तदान करने का सिलसिला शुरु हुआ। मुझे जब भी कोई रक्तदान के लिए बुलाता है मैं पहुंच जाता हूं। पहले मेरे परिजन इसके लिए मना करते थे, लेकिन इसके फायदे जानकर वे भी प्रेरित हुए और रक्तदान करने लगे।
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ब्लड लेना है तो देना भी जरूरी है
नरसिंहपुर रोड श्याम टॉकिज निवासी 35 वर्षीय विमल तोरिया जब भी किसी मरीज को रक्त की आवश्यकता होती है तो वे निसंकोच रक्तदान करते हैं। विमल ने बताया कि एक समय मेरे परिवार में किसी को रक्त की आवश्यकता थी। मैंने कई जगह खोजा लेकिन रक्त नहीं मिल पाया। उस समय रक्त का मोल समझ में आया। मुझे लगा कि अगर हमें दूसरे से रक्त लेना है तो पहले देना भी जरूरी है। इसके बाद से वे रक्तदान करने लगे। पहली बार 21 वर्ष की उम्र में महादान किया था। विमल कहते हैं कि मुझे रक्तदान करना अच्छा लगता है। इससे कोई समस्या भी नहीं है।
ब्लड लेना है तो देना भी जरूरी है
नरसिंहपुर रोड श्याम टॉकिज निवासी 35 वर्षीय विमल तोरिया जब भी किसी मरीज को रक्त की आवश्यकता होती है तो वे निसंकोच रक्तदान करते हैं। विमल ने बताया कि एक समय मेरे परिवार में किसी को रक्त की आवश्यकता थी। मैंने कई जगह खोजा लेकिन रक्त नहीं मिल पाया। उस समय रक्त का मोल समझ में आया। मुझे लगा कि अगर हमें दूसरे से रक्त लेना है तो पहले देना भी जरूरी है। इसके बाद से वे रक्तदान करने लगे। पहली बार 21 वर्ष की उम्र में महादान किया था। विमल कहते हैं कि मुझे रक्तदान करना अच्छा लगता है। इससे कोई समस्या भी नहीं है।
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कॉलेज जीवन से ही कर दी थी शुरुआत
हाऊसिंग बोर्ड परासिया नाका निवासी 48 वर्षीय दीपक ढाबेकर अब तक 50 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि जब मैं कॉलेज में पढ़ता था तभी से रक्तदान के फायदे के बारे में सुन चुका था। वहीं से मुझे प्रेरणा मिली और मैं 20 वर्ष से ही महादान करने लगा।
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व्रत के दिन भी कर देता हूं रक्तदान
कई लोग ऐसे होते हैं जो भ्रांतियों की वजह से रक्तदान नहीं करते। जबकि रक्तदान करने के फायदे ही फायदे हैं। गोलगंज निवासी 30 वर्षीय नितिन राय ने बताया कि वह लगभग 8 वर्ष से रक्तदान कर रहे हैं। इससे उन्हें काफी सुखद अनुभूति होती है। वह लोगों को प्रेरित करते हैं। एक ग्रुप से भी जुड़े हुए हैं। नितिन ने बताया कि कई बार मैंने व्रत के दिन भी रक्तदान किया है। मुझे अच्छा लगता है मरीज की मदद करना।
------------------- पिता से प्रेरित बेटी कर रही रक्तदान
श्रीराम पटवा की दो बेटी एवं एक बेटा है। उन्होंने बताया कि मैं जब 19 वर्ष का था तभी से रक्तदान कर रहा हूं। मुझे देखकर मेरे बच्चे भी प्रेरित हुए। वे समय-समय पर रक्तदान कर रहे हैं। रक्तदान करने की वजह से मुझे हर जगह एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में देखा जाता है। 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस पर उनकी बड़ी बेटी आकांक्षा एवं श्रीराम पटवा दोनों लोग जिला अस्पताल में रक्तदान कर युवाओं को प्रोत्साहित करेंगे। आकांक्षा अब तक पांच बार रक्तदान कर चुकी हैं।