145 में समितियों में से 23 ही लाभ में
जिले में 145 सहकारी समितियां संचालित हैं। इनमें से 23 समितियां ही लाभ में चल रहीं हैं। बाकी समितियां घाटे में हैं। कर्ज माफी के कारण इनकी स्थिति और गड़बड़ा गई है। कई समिति के प्रबंधक भी इस बात को स्वीकार रहे हैं,लेकिन सरकार के निर्णय और किसानों वाली बात को लेकर वे कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं।
समितियों के प्रबंधकों का कहना है कि समितियां आज की स्थिति में ऐसे हालात झेलने को तैयार नहीं हैं। किसानों को देने के लिए बैंक से हम लोन लेते हैं। बैंक नौ प्रतिशत ब्याज लगाकर वसूल करती है। वो पैसा हमें एक से डेढ साल बाद मिलता है। कर्ज माफी के कारण वसूली भी रुकी है। ऐसे में एनपीए बढ़ा तो समितियां तो काम करने लायक नहीं बचेगी।
अंशदान: ऊंट के मुुंह में जीरा
सरकार समितियों को घाटे से उबारने के लिए अंशपूजी देकर मदद करने की तैयारी में है। जानकारी के अनुसार समितियों के लिए नौ करोड़ रुपए आया है। जिले की 145 समितियों में यह अंशपूजी बहुत कम है। इससे क्या होने वाला है। समिति के संचालकों का कहना है कि यह राशि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। घाटा इस मिलने वाली अंशपूजी से कई गुना ज्यादा है। ऐसी मदद से तो भरपाई में वर्षों लगेंगे। जिला सहकारी बैंक को भी ऋण माफी किए जाने के एवज में 93 करोड़ रुपए फिलहाल मिले हैं।
इनका कहना है
सरकार ने सहकारी बैंक के 34 हजार 500 एनपीए और 15570 पीए खातों के लिए 93 करोड़ दिए हैं। 31-32 करोड़ रुपए की राशि और आई है। समितियों को मदद की जाएगी। इस सम्बंध में सरकार और फैसले ले रही है इस बारे में अभी बताया नहीं जा सकता।
केके सोनी, महाप्रबंधक, जिला सहकारी बैंक,छिंदवाड़ा
फैक्ट फाइल
129674 किसानों ने कर्जमाफी के लिए कराया पंजीयन
128621 पोर्टल पर दर्ज हुए किसानों के आवेदन
57541 किसान पहले चरण में माफी के लिए चुने गए
124 करोड़ से ज्यादा का बकाया ऋण हुआ माफ
50349 सहकारी बैंक के किसानों का हुआ माफ
109 करोड़ रुपए का माफ किया गया ऋण
93 करोड़ सरकार ने दिया एनपीए-पीए किसानों का पैसा