दादी ने की पोती की हत्या, घर में ही छुपाया शव, आखिर क्या था मासूम का कसूर
समाज में कुछ की लोग में अब भी है ओछी मानसिकता

छिंदवाड़ा/नागपुर. बेटी को लक्ष्मी का रूप कहा जाता है। बेटी एक नहीं दो परिवारों को संवारती है। बेटियों और उनके जन्म को लेकर समाज में हर तरीके से जागरुकता फैलाई जा रही है, इसके बावजूद समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनकी ओछी मानसिकता के चलते बेटियां कोख में मार दी जाती या फिर जन्म लेने के बाद।
ताजा मामला चंद्रपुर में सामने आया है, जिसमें एक दादी ने ही अपनी पोती की जान ले ली। परिवार में तीसरी बेटी पैदा होना उस मासूम का कसूर था। परिवार में निरंतर बेटियां पैदा होने की बात से नाराज 60 वर्षीय महिला ने 27 दिन की पोती की हत्या कर उसका शव घर में ही कपास के ढेर में छिपाकर रख दिया। पुलिस ने छानबीन के बाद जनाबाई नारायण राठौड़ को गिरफ्तार किया। उसे न्यायालय ने एक दिन पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए हैं।
पूछताछ में उगला सच
बताया जा रहा है कि जिवती तहसील के मर्कलमेटा गांव के समीप सोमलागुडा बस्ती में 10 से 12 बंजारों के घर हैं। इनमें से प्रमुख रावसाहेब राठौड़ ने पुलिस थाने में आकर 27 दिन की बेटी के गायब होने की शिकायत की थी। पुलिस ने घटना को गम्भीरता से लेते हुए मामले की तलाश शुरू कर दी। सफलता नहीं मिलने पर संदेह के चलते उन्होंने घर की पूरी जानकारी निकाली। जिसमें पता चला कि जिस वक्त बच्ची गायब हुई, उस वक्त दादी घर में थी। जानकारी के आधार पर पुलिस ने महिला से कड़ाई पूछताछ की तो उसने सच्चाई उगली। जनाबाई ने पुलिस को बताया कि उसके परिवार में बेटियों का ही जन्म होने से वह खफा थी। इसलिए पोती का गला दबाकर हत्या करने के बाद उसे कपास के ढेर में छुपाकर रखा।
खेत में काम करने गई थी मां
पुलिस ने शव बरामद कर महिला को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां उसे एक दिन की पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए गए हैं। बता दें कि फिलहाल ग्रामीण तबकों के लोग कपास बुनने के काम में लगे हुए हैं। इसी के तहत राठौड़ परिवार भी बच्चों को घर में छोडक़र खेत में गया हुआ था। घटना वाले दिन बच्ची की मां भी खेत में काम करने गई। उसने बच्ची को झूले में सुलाकर दादी को देखभाल करने को कहा था। उसके जाते ही महिला ने घटना को अंजाम दे दिया। घटना से गांव में सनसनी मची हुई है।
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