जीएसटी पर कन्फ्यूजन है तो डायल करिए यह नंबर, मिल जाएगा जवाब
पत्रिका ऑफिस में व्यापारियों एवं सेल्स टैक्स अधिकारियों, टैक्स सलाहकार के बीच परिचर्चा का आयोजन किया गया।
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छिंदवाड़ा. गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लागू हुए 31 दिन हो चुके हैं। शहर में आम जन पर पर जीएसटी की मार अभी नहीं दिख रही है। हां यह जरूर है कि व्यापारी वर्ग इससे खासा परेशान है। व्यापारियों के मन में अभी काफी प्रश्न ऐसे हैं जिनका जवाब उन्हें नहीं मिल पाया है।
जीएसटी के लागू होने के बाद आमजन पर इसका क्या असर पड़ा है। व्यापारी किन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं इन सभी सवालों को लेकर मंगलवार को पत्रिका ऑफिस में व्यापारियों एवं सेल्स टैक्स अधिकारियों, टैक्स सलाहकार के बीच परिचर्चा का आयोजन किया गया। लगभग दो घंटे चली इस परिचर्चा में अधिकारियों से व्यापारियों ने कई सवाल किए। कुछ सवालों के जवाब उन्हें मिले तो कुछ में अधिकारी ही उलझ गए।
हालांकि टैक्स सलाहकारों ने जीएसटी पर पूछे गए कई सवालों के जवाब बहुत आसानी से दे दिए। अधिकारियों का कहना था कि जो भी समस्या आ रही है, इसे वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाया जा रहा है, जिसका समाधान जल्द मिल जाएगा। जिन लोगों को जीएसटी नहीं समझ में आ रही है वह सेल्स टैक्स ऑफिस में स्थित हेल्प डेस्क पर फोन करके या फिर जाकर जानकारी ले सकते हैं।
चार माह बाद वापसी पर क्या करना पड़ेगा
दवा व्यवसायी अर्पणा तेलंग ने सवाल पूछा कि जब हम कोई दवा छोटे व्यवसायी को सेल करते हैं और वह चार माह बाद सामान वापस करता है तो उसका क्या करना है। जीएसटी में यह क्लीयर नहीं है। इस सवाल के जवाब में कर सलाहकार मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि यहां टैक्स लग जाएगा। सामान वापस आने पर आपको सेल रिटर्न दिखाना पड़ेगा। जिसमें आईटीआर माइनस करना पड़ेगा। विभाग से छह माह के अंदर वापसी करानी पड़ेगी।
वैट नम्बर होने के बाद भी क्या जीएसटी जरूरी
दवा व्यवसायी प्रवीण लांबा ने कहा कि वैट नम्बर होने के बाद भी क्या जीएसटी में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इस सवाल के जवाब में डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि सभी को प्रोविजनल आईडी दी गई है। विभाग ने भी कहा है कि इस पर फीड बैक लिया जाए। हालांकि प्रवीण ने दवा में जीएसटी के विभिन्न टैक्स स्लैब को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि दवा में हर प्रकार की जीएसटी है। दिव्यांग के सामानों में भी जीएसटी लग गई।
छग में कहीं पांच तो कहीं 12 प्रतिशत टैक्स
चिरौंजी व्यवसायी भूपेश सूर्यवंशी ने कहा कि छत्तीसगढ़ से चिरौंजी खरीदने पर कहीं पांच प्रतिशत तो कहीं 12 प्रतिशत टैक्स लिया जा रहा है। इस पर कर सलाहकार ने कहा कि जीएसटी में फारेस्ट प्रोड्यूस में टैक्स पांच प्र्रतिशत एवं ड्राईफ्रूट में 12 प्रतिशत है। कुछ लोग चिरौंजी को फारेस्ट प्रोड्यूस तो कुछ ड्राईफ्रूट बताकर टैक्स ले रहे हैं। इसके लिए आपको जीएसटी काउंसलिंग में शिकायत करनी होगी।
सोशल साइट्स पर भ्रामक स्थिति फैल रही
व्यवसायी सुरेश अग्रवाल ने कहा कि एक्सरसाइज विभाग ने जारी किया है कि जीएसटी के इस प्रश्न का जवाब यह है इसके बावजूद भी नीचे लिख दिया जा रहा है कि इसकी कोई वैधानिक स्थिति नहीं है। यह क्या मजाक है। क्यों करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। सोशल साइट्स पर भ्रामक स्थिति फैलाई जा रही है। इस पर रोक होनी चाहिए। इस पर टैक्स अधिकारी ने कहा कि जो भी एक्ट है वह लिखित है इसलिए कोई भ्रम की स्थिति नहीं है।
अधिकारी ने कही सीधी बात
जीएसटी ज्वाइंट कमिश्नर एवं सेल्स टैक्स के डिप्टी कमिश्नर प्रहलाद कुमार पांडे ने व्यापारियों से कहा कि जीएसटी को या तो आप समझ नहीं पा रहे हैं या फिर हम समझा नहीं पा रहे हैं। पहले हम बहुत तरह का टैक्स देते थे जो अब नहीं देंगे। जो बीस लाख से कम का व्यवसाय कर रहे हैं और अगर आप मन बना चुके हैं कि आगे व्यापार करना है तो टीन नंबर ले सकते हैं। इससे आपको ज्यादा नुकसान नहीं है बल्कि फायदा ही होगा। इससे आप राज्य से बाहर से भी सामान मंगा सकेंगे। इसके अलावा अगर आपके पास टीन नंबर नहीं है तो ट्रांसपोर्टर राज्य के बाहर से माल नहीं देगा। इसके अलावा ट्रेड मार्क पर जो बात है उसमें यही है कि जो रजिस्टर्ड ब्रांड है वही मान्य है। इसमें कुछ असमंजस नहीं है। जीएसटी पूरा वैट है। नई जीएसटी व्यवस्था पर किसी अन्य प्रदेश से सामान खरीदने पर इनपुट टैक्स मिलेगा। जबकि वैल्यू एडिशन में दो प्रतिशत टैक्स देना है। बड़ी बात यह है कि हमें खरीदी का रिटर्न नहीं भरना है। चाहे आप भारत में कही भी खरीदी करें। जीएसटी आर वन की तहत सप्लाई का रिटर्न अगले महिने की दस तारीख तक देना है। इसके पश्चात जीएसटी आर टू में 11 से 15 के बीच में खरीदी को चेक कर क्लीयर करना है। जीएसटी आर थ्री के तहत मंथली रिटर्न देना है।
ये भी रहे मौजूद
परिचर्चा में जीएसटी असिस्टेंट कमिश्नर एवं सेल्स टैक्स ऑफिसर प्रशांत पांद्रे, आईटी आपरेटर सेल्स टैक्स अजय चौधरी, कर सलाहकार अंशुल शुक्ला, अजय चौधरी, कुंतल शर्मा, रनीश नेमा, प्रदीप सरेठा, दवा व्यवसाई सुनील शुक्ला, घनश्याम जाखोटिया, शरद पनपालिया, नीरज लवाले समेत अन्य मौजूद रहे।
इन नम्बर पर कर सकते हैं फोन
मोबाइल नम्बर 9424718749, 9926303198 पर संपर्क कर जीएसटी के सम्बंध में पूरी जानकारी ली जा सकती है।
कंपोजिशन क्या है
व्यापारी विमल लोहडिय़ा ने पूछा कि कंपोजिशन क्या है। बीस लाख के अंदर टर्नओवर होने पर सामने वाली पार्टी बिल नहीं दे रही है। आधार नंबर की मांग कर रही है। इस अपर अधिकारियों ने जवाब दिया कि आधार नम्बर की मांग सही है।

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