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ओलावृष्टि से सब बर्बाद, बेटा-बेटी की कैसे होगी शादी

locationछिंदवाड़ाPublished: Feb 15, 2018 05:46:17 pm

Submitted by:

Rajendra Sharma

किसान पिता के अरमानों पर ओलावृष्टि ने फेरा पानी

Hailstorm with torrential rain in chhindwara

Hailstorm with torrential rain in chhindwara

जितेंद्र अतकरे
पांढुर्ना. तीन दिन पहले तक सबकुछ ठीक था, लेकिन मंगलवार की रात हुई ओलावृष्टि ने सब खत्म कर दिया। खेत में लगी फसल बर्बाद हो गई। फसल के साथ कई अरमान दफन हो गए। ओलावृष्टि ने फसलों को जमकर नुकसान पहुंचाया है। उन किसानों की कमर टूट गई जो पूरी तरह खेती पर निर्भर थे। फसल बेचकर ही बेटे-बेटियों की शादी करनी थी। अब घर खर्च के साथ-साथ ही शादी की चिंता भी सताने लगी है।
ग्राम बालापुर के किसान मारोती ंिहंगवे की पुत्री कंचना हिंगवे का ब्याह एक मार्च को होना है। धोंडु हिंगवे के पुत्री रेवती हिंगवे का विवाह 25 फरवरी को होना है। देवराव धारपुरे के पुत्र का विवाह 3 मार्च, नानुजी धारपुरे के पुत्री मीना धारपुरे का विवाह 4 मार्च और भांगी खापरे के पुत्र सतीश खापरे का विवाह 5 मार्च को होना है। इनके विवाह के आमंत्रण पत्र तक नाते-रिश्तेदारों में बंट गए। तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि ने इन किसानों के सपनों पर अमंगल की लकीरें खींच दी हैं। किसानों को समझ नहीं आ रहा है कि विवाह के लिए अब रुपए कहां से जुटाएं।
घरों को भी भारी नुकसान

ग्राम बालापुर में बे-मौसम बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से जमकर कहर बरपा है। मकानों की छत पर लगे कवेलू और सीमेंट की चादरों में छेद हो गए हैं। संतरा के फल गिर गए हैं। गेहूं की फसल जमीन पर गिर गई है, चना के बुरे हाल हैं। बालापुर के किसान राजीराम हिंगवे, देवाजी इवनाती, नारायण खापरे, गुरुजी डहारे, शिवाजी इवनाती, पन्नाजी ढोले, कमलेश हिंगवे, महादेव हिंगवे, पुरन पराडक़र ने सर्वे की मांग करते हुए खेतों में हुए नुकसान का मुआवजा प्रदान करने की गुहार लगाई है।
दिख रहे बर्बादी के निशान

सौंसर और पांढुर्ना के खेतों में आफत लेकर आई ओलावृष्टि के चार दिन बाद भी बर्बादी के निशान अभी तक दिख रहे हैं। तेज हवा के साथ ओलों की एेसी मार पड़ी कि पेड़ में लगे बड़े फल छितर बितर हो गए। खेतों की मेढ़ों और बगीचों में लगे पपीते के पेड़ सिर्फ हरे ठूंठ दिख रहे हैं। उनसे पत्तियां गायब है और फल ओलों की मार से फट गए हैं। ओलों का वजन और मार कितनी तेज थी यह इस बात से दिख रहा है कि खेतों में बिछे पाइप तक फट गए। वे अब किसी काम के नहीं रह गए हैं।
सब्जी के खेतों और बगीचों के हाल भी बहुत बुरे हैं। कटने की स्थिति में आई फूल गोभी और पत्ता गोभी किसान के कोठे में पहुंचती इससे पहले ही प्राकृतिक आपदा उसे लील गई। इस क्षेत्र में टमाटर, बैगन और अन्य सब्जियां भी जमीदोज हो गईं हंै।

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