घरों को भी भारी नुकसान ग्राम बालापुर में बे-मौसम बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से जमकर कहर बरपा है। मकानों की छत पर लगे कवेलू और सीमेंट की चादरों में छेद हो गए हैं। संतरा के फल गिर गए हैं। गेहूं की फसल जमीन पर गिर गई है, चना के बुरे हाल हैं। बालापुर के किसान राजीराम हिंगवे, देवाजी इवनाती, नारायण खापरे, गुरुजी डहारे, शिवाजी इवनाती, पन्नाजी ढोले, कमलेश हिंगवे, महादेव हिंगवे, पुरन पराडक़र ने सर्वे की मांग करते हुए खेतों में हुए नुकसान का मुआवजा प्रदान करने की गुहार लगाई है।
दिख रहे बर्बादी के निशान सौंसर और पांढुर्ना के खेतों में आफत लेकर आई ओलावृष्टि के चार दिन बाद भी बर्बादी के निशान अभी तक दिख रहे हैं। तेज हवा के साथ ओलों की एेसी मार पड़ी कि पेड़ में लगे बड़े फल छितर बितर हो गए। खेतों की मेढ़ों और बगीचों में लगे पपीते के पेड़ सिर्फ हरे ठूंठ दिख रहे हैं। उनसे पत्तियां गायब है और फल ओलों की मार से फट गए हैं। ओलों का वजन और मार कितनी तेज थी यह इस बात से दिख रहा है कि खेतों में बिछे पाइप तक फट गए। वे अब किसी काम के नहीं रह गए हैं।
सब्जी के खेतों और बगीचों के हाल भी बहुत बुरे हैं। कटने की स्थिति में आई फूल गोभी और पत्ता गोभी किसान के कोठे में पहुंचती इससे पहले ही प्राकृतिक आपदा उसे लील गई। इस क्षेत्र में टमाटर, बैगन और अन्य सब्जियां भी जमीदोज हो गईं हंै।
सब्जी के खेतों और बगीचों के हाल भी बहुत बुरे हैं। कटने की स्थिति में आई फूल गोभी और पत्ता गोभी किसान के कोठे में पहुंचती इससे पहले ही प्राकृतिक आपदा उसे लील गई। इस क्षेत्र में टमाटर, बैगन और अन्य सब्जियां भी जमीदोज हो गईं हंै।