Happy moments: बीमारी के कारण कट गए थे दो युवकों के पैर, इस सौगात ने जगाई उम्मीद
छिंदवाड़ाPublished: Sep 25, 2020 12:34:47 pm
दिव्यांगों के चेहरों पर खुशी लौट आई है।
Happy moments: बीमारी के कारण कट गए थे दो युवकों के पैर, इस सौगात ने जगाई उम्मीद
छिंदवाड़ा. जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र छिंदवाड़ा द्वारा जिले के दिव्यांगों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए उनके हित से जुड़ी योजनाओं के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार कर विभिन्न नवीन तकनीकियों के माध्यम से उपचार और विभिन्न सहायक उपकरण प्रदाय कर लाभान्वित किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र द्वारा जिले के 2 दिव्यांगों को सहायक उपकरण प्रदाय किए गए, जिससे इन दिव्यांगों के चेहरों पर खुशी लौट आई है।
जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के प्रशासनिक अधिकारी पंचलाल चंद्रवंशी ने बताया कि जिले के चौरई विकासखंड के ग्राम बरेलीपार के रामभरोस वर्मा और ग्राम हिवरा के गोलू वर्मा बैलगाड़ी से टकरा जाने के कारण अस्थि बाधित हो गये थे तथा गैंगरीन बीमारी के कारण उनके पैर काटने पड़े। अपनी दिव्यांगता के कारण दोनों व्यक्ति परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे थे। इस दौरान उन्हें जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के संबंध में जानकारी मिली कि इस केन्द्र द्वारा पैरो से निशक्त व्यक्तियों को निशुल्क कृत्रिम पैर बनाकर दिए जाते हंै और इन कृत्रिम पैरों से चलने का अभ्यास भी कराया जाता है जिससे चलने में कोई परेशानी नहीं हो। यह जानकारी उनके जीवन में एक आशा और उम्मीद की किरण लेकर आई तथा वे जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र पहुंचे। इस केन्द्र में उनके पैरों का नाप लिया गया और उन्हें कृत्रिम पैर बनाकर दिए गए एवं इन पैरों से चलने का अभ्यास भी कराया गया। कृत्रिम पैरों पर खड़े होकर रामभरोस वर्मा और गोलू वर्मा के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। कृत्रिम पैरों की सौंगात पाकर दोनों दिव्यांगजनों के परिवार में भी खुशी का माहौल है। प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि मोहबे मार्केट स्थित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में अब नई टेक्नोलॉजी से उपचार किए जा रहे हैं। इस केंद्र में दिव्यांगों के लिए फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी, आडियोमीट्री, साइकोलॉजिकल काऊंसलिंग, मोबिलिटी ट्रेनिंग, विशेष शिक्षा आदि योजनायें संचालित की जा रही हैं और उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है। दिव्यांगजनों को अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिये फील्ड एंड पब्लिसिटी असिस्टेंट के द्वारा फील्ड में जाकर दिव्यांगों को आवश्यक जानकारी प्रदान की जा रही है। इस तरह उन्हें सशक्त बनाकर समाज की मुख्य धारा से जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है।