छिंदवाड़ाPublished: Jan 09, 2019 11:56:28 pm
arun garhewal
और अधिक ठंड पडऩे की संभावना जताई
पाले की मार से फसल चौपट, किसान बर्बाद
छिंदवाड़ा. ग्रामीण अंचल में सोमवार सुबह से चल रही हवाओं ने ठंड बढ़ा दी है। कुछ सामान्य चलने के बाद सोमवार रात से पारा फिर 6 डिग्री तक गिर गया। शुक्रवार तक तापमान कम रहने और अधिक ठंड पडऩे की संभावना जताई जा रही है। रविवार तक तापमान अधिकतम 27 डिग्री और न्यूनतम 9 डिग्री दर्ज किया गया इसके बाद लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 5 दिन तक ऐसे ही ठंड बढ़ेगी तेज ठंड का एहसास इसी सप्ताह तक बताया जा रहा है
शीतलहर चलने की वजह से खेतों में पाला पड़ रहा हैं जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है। ग्राम पंचायत नगनवाड़ी के देवजी पवार ने बताया कि ग्राम के किसानों की खेती में लगाई गई सब्जी पाले की वजह से खराब हो गई है जिसमें सर्वाधिक टमाटर फसल को नुकसान हुआ है। किसानों को टमाटर की फसल का उचित मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है जिससे किसान परेशान है।
ग्रामीण अंचल के किसानों में सुंदर लाल साहू, गोवर्धन यदुवंशी, दिनेश सूर्यवंशी, देवलाल साहू, रामस्वरूप यादव, सुकलाल यादव, देवी पवार घनश्याम यदुवंशी, दिनेश यदुवंशी, लेखराम यदुवंशी, पुरन यदुवंशी, देवजी यदुवंशी, मुनेश यदुवंशी समस्त अन्य किसानों
का कहना है कि मौसम में अचानक आए बदलाव के चलते सुबह-सुबह कोहरा छा रहा है।
तीन वर्ष से हो रही है फसल खराब: पिछले 3 वर्ष से किसानों को मौसम के मार झेलना पड़ रहा है। किसानों की टमाटर, मटर, फूलगोभी, हरी सब्जियां सहित गेहूं की फसल में नुकसान उठाना पड़ रहा है।
नहीं मिल रहे सब्जियों के दाम : बुर्रीकला पंचायत खारी नकटिया एवं शीलादेही के आसपास क्षेत्र में सब्जियों की सबसे ज्यादा फसल होती है। किसानों ने बड़ी आस से महंगी लागत से सब्जियों का फसल लगाई थी लेकिन ठंड और पाले से फसलों को अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं किसानो नुकसान हो रहा है।
उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी के कारण ठंडी हवाओं से ठिठुरन बढ़ गई है। आसमान में बारिश के बादल भी है और ठंडी हवाएं भी चल रही है। सोमवार को दिन में तो धूप ने सहारा दिया लेकिन शाम होते-होते मौसम में बदलाव हुआ। ठंडी हवाओं के कारण गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ा। पिछले दो दिनों तक ठंड का असर कम रहा परंतु सोमवार से ठंडी हवाएं चलने की वजह से मौसम फिर से ठंडा हो गया। सुबह और शाम ठंड बढऩे से बाजारों की रौनक कम हो गई है।