मिली जानकारी के अनुसार चारों पीडि़त मरीजों के ऑपरेशन एक ही दिन किए गए तथा इन्हीं मरीजों को दिक्कत शुरू हुई, जिसकी जांच की जा सकती है। बताया जाता है कि 26 अगस्त 2018 को 100 इंजेक्शन नेत्र विभाग को उपलब्ध कराए गए थे, जिनकी एक्सपायरी अगस्त 2019 थी। इसके बाद 13 फरवरी तथा 17 सितम्बर 2019 को 50-50 इंजेक्शन प्रदान किए गए है। मरीजों के पास एक्सपायरी इंजेक्शन कैसे पहुंचा यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
मोतियाबिंद मामले को मुख्यमंत्री स्वयं ही गंभीर है तथा पीडि़तों को निशुल्क उपचार के निर्देश दिए गए है। हालांकि मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।