वहीं फैकल्टी, स्टूडेंट और अन्य व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हुए मरीजों को बेहतर सेवाएं और उचित व्यवहार करने की हिदायत दी। कॉलेज परिसर में स्थापित बायोकेमेस्ट्री, रिसर्च लेबोटरी, डेमोस्ट्रेशन रूम, फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट, फार्माक्लोजी म्यूजियम, ऑडिटोरियम, लेक्चर थिएटर सहित जिला अस्पताल के विभिन्न विभागों को देखा।
डॉ. साधौ ने जिला अस्पताल में स्थापित होने वाली एमआरआइ मशीन, अल्ट्रासाउंड मशीन, ऑपरेशन थिएटर सहित अन्य सुविधाओं का जायजा लिया। साथ ही मरीजों से उपचार तथा सेवाओं के संदर्भ में जाना। डीन डॉ. जीबी रामटेके, एडीएम राजेश शाही, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शरद बंसोड़, सिविल सर्जन डॉ. पी. गोगिया, डॉ. महेंद्र सिंग, डॉ. विपिन जैन, सहित अन्य प्रमुखता से मौजूद थे।
हादसे की वजह बन सकता है पाइप लाइन –
सिम्स से सम्बद्ध जिला अस्पताल के समस्त विभागों में ऑक्सीजन, एयर तथा अन्य सेवाओं के लिए छतों पर बिछाए गए पाइपलाइन को लगाते समय तकनीकी गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया, जो हादसे की वजह बन सकता है। डॉ. साधौ ने बताया कि पाइपलाइन में ज्वाइंट कम से कम तीन मीटर की दूरी पर लगने चाहिए। लेकिन यहां ठेकेदार ने लापरवाही बरती है। वहीं जगह-जगह निकले सिलिंग बोर्ड पर सवाल उठाए तथा सुधारने के निर्देश दिए तथा मॉडल ऑपरेशन थिएटर नहीं बनाने की वजह पूछी।
साथ ही दोनों संस्थाओं के फर्नीचर की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए शीघ्र दुरुस्थ करने के निर्देश दिए। जिला अस्पताल की ट्रामा यूनिट की टूटी सीढिय़ों को देखते ही निराश हो गई तथा फ्लोर को जोडऩे के लिए लगी प्लेट को सुविधाजनक बनाने के निर्देश दिए।
यहां भी देखा – चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. साधौ ने अशोक लीलेण्ड ड्रायविंग प्रशिक्षण संस्थान, सिमरिया हनुमान मंदिर, एफडीडीआइ सेंटर को भी देखा तथा कौशल विकास की गतिविधियों को समझा। वहीं निरीक्षण के बाद वे भोपाल रवाना हो गई।