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health: सात घंटे से अधिक समय तक स्टे्रचर पर पड़ा रहा जख्मी, जानें वजह

locationछिंदवाड़ाPublished: Oct 15, 2019 12:14:50 pm

Submitted by:

Dinesh Sahu

निजी हॉस्टिपल में उपचार के लिए डॉक्टर बना रहे दबाव

health: सात घंटे से अधिक समय तक स्टे्रचर पर पड़ा रहा जख्मी, जानें वजह

health: सात घंटे से अधिक समय तक स्टे्रचर पर पड़ा रहा जख्मी, जानें वजह

छिंदवाड़ा/ छिंदवाड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस से सम्बद्ध जिला अस्पताल में एक्सीडेंट से बुरी तरह जख्मी मरीज को विगत कई दिन से भर्ती रखने के बावजूद उपचार नहीं मिल रहा है। स्थिति यह है कि डॉक्टरों ने सोमवार दोपहर करीब 3 बजे पीडि़त को बिना उपचार दिए हायर सेंटर में ईलाज कराने के लिए डिस्चार्ज कर दिया। आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होने से मरीज स्टे्रचर पर ही ट्रामा यूनिट के समक्ष परिवार सहित मदद की गुहार लगा रहा है, जिसके बाद भी किसी ने पीडि़त की सुध नहीं ली।
दरअसल मोहन नगर छिंदवाड़ा निवासी निक्की चुटेले (26) का 8 अक्टूबर 2019 को रोड एक्सीडेंट होने के बाद राहगीरों ने उपचार के लिए उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां दो दिन भर्ती रहने के बाद सिम्स के एक डॉक्टर ने अपने निजी हॉस्पिटल बुलाया तथा ऑपरेशन में 27 हजार रुपए का खर्च बता दिया।
लेकिन पैसा नहीं होने पर पीडि़त दोबारा 13 अक्टूबर को जिला अस्पताल में भर्ती हो गया। लेकिन इस बीच राउंड करने आए सिम्स के उसी डॉक्टर ने पीडि़त को फिर से डिस्चार्ज कर दिया। आक्रोशित परिवार के लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में ही गरीबों के साथ ऐसे बर्ताव किया जा रहा है तो प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है।
एक्स-रे के चुकाने पड़े 600 रुपए –


पीडि़त निक्की ने बताया कि डॉक्टर के कहने पर उसने निजी हॉस्पिटल में एक्स-रे कराया, जिसके लिए उसे 600 रुपए चुकाने पड़े गए। जबकि जिला अस्पताल में हुए निशुल्क एक्स-रे जांच को मानने से इनकार कर दिया।
आयुष्मान कार्ड से भी नहीं मिली राहत –

केंद्र और राज्य सरकार गरीब मरीजों को आसान और निशुल्क ईलाज उपलब्ध कराने के नाम पर बड़े-बड़े विज्ञापन प्रकाशित कर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन जमीनी हकीकत में हितग्राहियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। पीडि़त निक्की ने बताया कि उसके पास प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का पंजीयन कार्ड भी है, जिसके बाद भी उसकी कोई मदद करने को तैयार नहीं है।

जांच के बाद दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई –

एक्सीडेंट में घायल मरीज का ऑपरेशन नहीं किए जाने तथा निजी हॉस्पिटल में ईलाज के लिए दबाव बनाने के मामले की जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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