scriptअप्रैल के बाद भारी जलसंकट, चिंता में शहर सरकार | Heavy water crisis after April | Patrika News

अप्रैल के बाद भारी जलसंकट, चिंता में शहर सरकार

locationछिंदवाड़ाPublished: Mar 31, 2018 12:10:53 am

Submitted by:

prabha shankar

शहर की पेयजल व्यवस्था सिर्फ कन्हरगांव डैम के भरोसे, तेजी से घट रहा जलस्तर

Gruesome The water crisis

Heavy water crisis after April

छिंदवाड़ा . हाल ही में नगरनिगम ने शहर में होने वाली जल आपूर्ति में कटौती की है। अब 45 मिनट की बजाय 30 मिनट ही पानी दिया जा रहा है। वहीं पानी के अपव्यय को रोकने लिए कई प्रतिबंध भी लगाए हैं, लेकिन नगरनिगम की ये सारी कवायदें असफल होती नजर आ रहीं हैं क्योकि इससे कन्हरगांव डैम की सेहत पर कोई खास असर नहीं आ रहा। ग्रेविटी लेबल से फिल्टर प्लांट तक उतना ही पानी आ रहा है जितना पहले आ रहा था।
इस स्थिति से निगम के अधिकारी अब ङ्क्षचता में हैं। क्योंकि वर्तमान स्थिति को देखते हुए जल्द ही एक दिन की आड़ में पानी आपूर्ति करने की नौबत आ सकती है। हालांकि कन्हरगांव डैम में अभी 145 एमसीएफटी पानी है जो 145 दिनों के लिए पर्याप्त होगा। लेकिन ये आंकड़े ठंड और बारिश के दौरान ही विश्वस्त होंगे क्योंकि गर्मी के मौसम में सूरज की तेज तपिश भी डैम के 50 एमसीएफटी तक पानी को बिना उपयोग के उड़ा देगी। इस आकलन के हिसाब से अब डैम में महज 90 दिनों का ही पानी शेष माना जा सकता है।
जलप्रदाय शाखा के उपयंत्रियों की मानें तो गत वर्ष 15 मार्च 2017 को डैम का लेबल 709.47 मीटर था। जो कि इस वर्ष 15 मार्च 2017 में 708.92 हो गया। पिछले वर्ष पानी की समस्या जुलाई में बारिश होने के बाद भी आ गई थी। इसी वजह से निगम को अगस्त माह में भी 15 दिनों के लिए पानी को एक दिन की आड़ में सप्लाई करना पड़ गया। हालांकि बीते वर्ष बारिश भी उतनी नहीं हुई कि डैम का स्तर 713.80 मीटर तक भर जाए। डैम 711.50 मीटर तक ही भर सक ा और नगर निगम अधिकारियों के बार-बार आग्रह करने के बावजूद जलसंसाधन विभाग नें सिचाई के लिए पानी छोड़ दिया। इससे जनवरी में 711 मीटर का लेबल 710.25 मीटर तक आ गया। इसे देखते हुए अधिकारियों की संास फूल रही थी। 29 मार्च को डैम का लेबल 708.50 मीटर और जल स्टॉक 145 एमसीएफटी रहा। वहीं 706.22 मीटर के बाद डैम से पानी नहीं दिया जा सकता है।
145 एमसीएफटी को गर्मी के दिनों के हिसाब से माने तो वाष्पन के अनुसार हर दिन सवा से डेढ़ एमसीएफटी पानी खर्च होगा। जून में अच्छी बारिश की शुरुआत नहीं हुई तो पानी की समस्या गम्भीर हो सकती है। मौसम विज्ञान ने भी अभी बारिश के गत वर्ष की अपेक्षा अच्छे संकेत नहीं दिए हैं। अधिक समस्या न हो, इसके लिए एक दिन की आड़ की व्यवस्था भी उपयोगी हो सकती है।
आरके सहस्त्रबुद्धे
उपयंत्री, प्रभारी जलप्रदाय विभाग
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