छिंदवाड़ा

High Court Decision: जमीन पर मालिकाना हक के लिए इंतजार करना होगा लम्बा इंतजार

जमीन के पट्टा वितरण को लगा ब्रेक, उच्च न्यायालय ने दिया स्थगन

छिंदवाड़ाSep 08, 2019 / 11:33 am

prabha shankar

प्रतीकात्मक फोटो

छिंदवाड़ा/ परासिया/ कोयलांचल निवासियों को जमीन के मालिकाना हक के लिए अभी लम्बा इंतजार करना पड़ सकता है। उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा वेकोलि की पिटीशन पर पट्टा प्रदान करने की राज्य सरकार की कार्रवाई को आगामी आदेश तक रोक दिया गया है।

दरअसल, कोयलांचल की अधिकांश जमीन वेकोलि ने राज्य सरकार से लीज पर कोयला खदानों के संचालन के लिए प्राप्त की है। कोयला खदानों के बंद होने के बाद यह भूमि अनुपयोगी पड़ी हुई है। दशकों से वेकोलि की इस रिक्त जमीन पर हजारों लोगों ने आवास बना लिया है, लेकिन मालिकाना हक नहीं मिलने के कारण लोग कार्रवाई के भय से आशंकित रहते हैं। अम्बाड़ा से लेकर शिवपुरी तक दर्जनों ग्राम और नगरीय क्षेत्रों में निजी जमीन का रकबा बहुत कम है। अधिकांश भूमि तत्कालीन निजी कंपनियों और वेकोलि के नाम पर दर्ज है जिसके कारण निर्माण एवं विकास कार्य करना मुश्किल हो जाता है। बड्कुही चांदामेटा नगर में सैकड़ों हितग्राही जमीन के अभाव में प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभंवित नहीं हो पा रहे हैं।
वेकोलि ने दायर की याचिका
महाप्रबंधक पेंच क्षेत्र ने उच्च न्यायालय जबलपुर में तहसीलदार द्वारा पट्टे वितरण करने की योजना एवं कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। सिंगल बेंच की सुनवाई में वेकोलि अधिवक्ता अनूप नायर ने तर्क प्रस्तुत किया जिसपर न्यायधीश संजय द्विवेदी ने पांच सिंतबर को पारित आदेश में राजस्व सचिव राज्य सरकार, कलेक्टर, तहसीलदार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और कार्रवाई पर स्थगन दिया है। आगामी सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।
बंटने वाले थे साढ़े चार हजार पट्टे
कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद वेकोलि की अनुपयोगी भूमि पर आवास के लिए पट्टा वितरण की योजना पर तेजी से काम शुरू किया गया। वर्तमान में नगरीय इलाकों में राजस्व विभाग सर्वे कर रहा था, जो अंतिम चरण में है। प्रभारी मंत्री ने प्रथम चरण में नगरीय इलाकों के लगभग साढ़े चार हजार लोगों को पट्टा वितरित करने का कार्यक्रम बनाया गया था जिसमें परासिया नगर के 2400, चांदामेटा के 1500 सौ, बरकुही में 650 लोगों को पट्टा देने का लक्ष्य रखा गया था।

इनका कहना है 

आवासहीन लोगों को भूमि का पट्टा प्रदान करने के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जा रही थी। इससे इलाके के हजारों लोगों को भूमि का मलिकाना हक मिलता। राज्य सरकार न्यायालय में मजबूती से अपना पक्ष रखेगी और यहां के लोगों को न्याय मिलेगा। वेकोलि पर दबाव डालकर इस तरह के अंडग़े लगाए जा रहे हैं। आम लोग इसको समझ रहे हैं।
सोहन वाल्मिक विधायक परासिया
मौखिक जानकारी मिली है। लिखित कॉपी नहीं मिली है आदेश मिलने पर अध्ययन के बाद प्रशासन इसका जवाब प्रस्तुत करेगा।
वीरबहादुर धुर्वे, तहसीलदार परासिया
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