थाने में जमा हुजूम इसके बाद तिवारी और छात्र वैभव के समर्थन में थाने में जमा हुजूम उक्त पुलिस कर्मी पर कार्रवाई की मांग करने लगा। दूसरी ओर वैभव को रात भर मेयो अस्पताल में रखा गया। सोमवार सुबह छुट्टी दी गई, गणेशपेठ पुलिस ने अपने दोषी पुलिसकर्मी के बचाव में तिवारी के अपशब्द भरे बयान वाले वीडियो को वाइरल कर उन्हें बदनाम और मामले को दबाने की कोशिश करने का प्रयास किया गया। इस घटनाक्रम में तिवारी ने दोषी पुलिस कर्मी और उसके संरक्षक ड्यूटी अफसर कांडेकर को निलंबित करने की मांग राज्य के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और शहर पुलिस आयुक्त से की है। उल्लेखनीय यह है कि जब सत्ताधारी नेताओं की नागपुर शहर में यह दशा है तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम जनता पुलिसिया झंझट में कैसे पिस रही होगी।