नियम के अनुसार कॉलेजों को हर पांच वर्ष में नैक मूल्यांकन कराना चाहिए। हालांकि पीजी कॉलेज ने किन्ही कारणों से इस नियम को पूरा नहीं किया। अब सात साल बाद कॉलेज नैक मूल्यांकन कराने की तैयारी कर रहा है। इससे पहले 28 सितबंर 2014 को नैक टीम मूल्यांकन करने पीजी कॉलेज पहुंची थी। उस समय कई कमियों को कारण नैक टीम ने कॉलेज को ‘बी प्लस’ ग्रेड दिया था।कॉलेज को दो प्रमुख कमी की वजह से ‘ए’ ग्रेड नहीं मिल पाया था। नैक टीम ने पीजी कॉलेज के कवर्ड न होने और अत्याधुनिक लाइब्रेरी भवन न होने पर सवाल उठाए थे। कॉलेज ने अत्याधुनिक लाइब्रेरी भवन बनवा लिया, लेकिन अभी भवन में विश्वविद्यालय संचालित हो रहा है। वहीं कॉलेज के पास अब भी कवर्ड कैम्पस नहीं है।
सभी कॉलेजों को मूल्यांकन करना अनिवार्य
यूजीसी गाइडलाइन अनुसार कॉलेजों को हर पांच साल में नैक टीम को निरीक्षण कराने के लिए सेल्फ स्टडी रिपोर्ट भेजना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। शासकीय हो या निजी सभी कॉलेजों को नेशनल एक्रिडिएशन काउंसिल (नैक) से मूल्यांकन कराना चाहिए। रूसा एवं यूजीसी ने भी अब यह निर्धारित कर रखा है कि कॉलेजों को अनुदान तभी मिलेगा जब वह नियम अनुसार नैक से मूल्यांकन कराएगा। वर्ष 2022 तक हर हाल में कॉलेजों को नैक मूल्यांकन कराने की बात कही गई है। लगातार मूल्यांकन नहीं कराने पर संबंधित संस्थान की मान्यता भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए सभी कॉलेजों के लिए नैक मूल्यांकन करना अनिवार्य किया गया है।
दोनों बिन्दुओं पर काम चल रहा है। नगर पालिका निगम आयुक्त को पत्र लिखा गया है। कॉलेज का कवर्ड कैम्पस भी होगा और कॉलेज के अंदर से जा रही सडक़ के लिए विकल्प भी बनाया जाएगा। प्रशासन के अधिकारी संभवत: शुक्रवार को कॉलेज का निरीक्षण करेंगे। लाइब्रेरी भवन को लेकर भी जल्द ही निर्णय हो जाएगा।
डॉ. अमिताभ पांडे, प्राचार्य, पीजी कॉलेज