अध्यापन कराना चुनौतिपूर्ण
मुख्यालय के पीजी कॉलेज एवं राजमाता सिंधिया गल्र्स कॉलेज में सुविधाएं न होने के बावजूद भी निर्धारित सीट से तीस से चालिस प्रतिशत तक अधिक दाखिला ले लिया गया है। बताया जाता है कि पीजी कॉलेज में बीए में महज 600 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था है जबकि यहां 1630 विद्यार्थियों को दाखिला दे दिया गया है। वहीं एमए, एमएससी के अधिकतर संकाय में भी यही स्थिति है। गल्र्स कॉलेज में भी बीए में 1400 छात्राओं को दाखिला दिया गया है जबकि यहां भी अधिकतम 700 तक के छात्राओं के बैठने की व्यवस्था है। त्योहार की छुट्टी समाप्त होने के बाद अगर सत्र 2021-22 में दाखिला लेने वाले सभी विद्यार्थी कॉलेज पहुंचे तो फिर न केवल कोरोना की गाइडलाइन टूटेगी बल्कि कॉलेजों के लिए व्यवस्था बनाना भी चुनौतिपूर्ण रहेगा।
मुख्यालय के पीजी कॉलेज एवं राजमाता सिंधिया गल्र्स कॉलेज में सुविधाएं न होने के बावजूद भी निर्धारित सीट से तीस से चालिस प्रतिशत तक अधिक दाखिला ले लिया गया है। बताया जाता है कि पीजी कॉलेज में बीए में महज 600 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था है जबकि यहां 1630 विद्यार्थियों को दाखिला दे दिया गया है। वहीं एमए, एमएससी के अधिकतर संकाय में भी यही स्थिति है। गल्र्स कॉलेज में भी बीए में 1400 छात्राओं को दाखिला दिया गया है जबकि यहां भी अधिकतम 700 तक के छात्राओं के बैठने की व्यवस्था है। त्योहार की छुट्टी समाप्त होने के बाद अगर सत्र 2021-22 में दाखिला लेने वाले सभी विद्यार्थी कॉलेज पहुंचे तो फिर न केवल कोरोना की गाइडलाइन टूटेगी बल्कि कॉलेजों के लिए व्यवस्था बनाना भी चुनौतिपूर्ण रहेगा।
विभाग दे सकता है एक और मौका
बताया जाता है कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेजों में स्नातक, स्नातकोत्तर में प्रवेश प्रक्रिया का एक और चरण आयोजित किया जा सकता है। हालांकि गुरुवार शाम तक प्रवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के संबंध में विभाग ने निर्णय नहीं लिया था।
बताया जाता है कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेजों में स्नातक, स्नातकोत्तर में प्रवेश प्रक्रिया का एक और चरण आयोजित किया जा सकता है। हालांकि गुरुवार शाम तक प्रवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के संबंध में विभाग ने निर्णय नहीं लिया था।
इनका कहना है…
प्रवेश प्रक्रिया के वजह से शैक्षणिक व्यवस्था बनाने में थोड़ी परेशानी होती है। अब अध्यापन कार्य सुचारू रूप से चल सकेगा। सभी विद्यार्थियों के अध्यापन की व्यवस्था बनाई जाएगी।
डॉ. अमिताभ पांडे, प्राचार्य, पीजी कॉलेज