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न काटे जंगलों से लकड़ी, कंडे की जलाएं होली

locationछिंदवाड़ाPublished: Mar 01, 2018 05:39:41 pm

Submitted by:

mantosh singh

वनकर्मियों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली मिलन समारोह मनाया। रेंजर दिलीप सिंह भलावी ने बताया कि उच्च अधिकारियों ने निर्देश दिए है कि होली के पहले सभी

Holi of wood, candle burns from untested forests

पांढुर्ना. होली के आते ही हर ओर रंगों की फुहार दिखने लगी है। होली की शुरुआत बुधवार को नगर के दक्षिण वन मंडल के वन परिक्षेत्र विश्राम गृह में हुई। यहां वनकर्मियों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली मिलन समारोह मनाया। रेंजर दिलीप सिंह भलावी ने बताया कि उच्च अधिकारियों ने निर्देश दिए है कि होली के पहले सभी कर्मचारी आपस में होली मिलन करें और जंगल में यह संदेश पहुंचाए की कोई भी व्यक्ति होली के लिए जंगल से लकड़ी नहीं काटे। रेंजर ने सभी डिप्टी रेंजरों को रात में सक्रिय रूप से निगरानी करने के लिए कहा है। इस मिलन समारोह में डिप्टी रेंजर चतरू सलामे, ए. पराड़कर, पवन शर्मा, संगीता कुमरे, गौतम आदि ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली पर्व की बधाई दी।
सौसर. वन विभाग विश्राम गृह में बुधवार को होली मिलन समारोह मनाया गया। इस अवसर पर वन विभाग अमला, राजस्व अमला व अन्य लोग शामिल हुए। सभी ने एक दूसरे को तिलक लगाकर गले मिलते हुए होली की बधाई दी। सभी में आपसी सौहार्द बनाते हुए रंगों के उत्सव पर खुशियां खुशीयॉ बांटी। इस अवसर पर नायब तहसीलदार राजकुमार नागौरिया, वन परिक्षेत्र अधिकारी सौसर केएस बघेल, अरूण बोडख़े, जीआर, सनोडिया, देवेन्द्र कुमार सोनी, राजनकर सहित अन्य कर्मी उपस्थित रहे। होली पर रंगोत्सव में रंगोत्सव के दो दिन पूर्व एक दुसरे पर रंगों को उडाते हुए रंगोत्सव की शुरुआत हुई। बाजार में रंग बिरंगी पिचकारी एवं विविध रंगों के गुलाल से सजी दुकानों में होली रंगोत्सव पर खरीदारी बढने लगी। गुरुवार की शाम होलिका दहन होगा।
प्यार के रंगों से खेलेंगे होली
जुन्नारदेव ञ्च पत्रिका. नगर की श्रीराम संकीर्तन समिति लगातार नगर में संस्कृति और परम्परा को जीवंत रूप देने का अनूठा उदाहरण पेष करते आयी है। वर्ष धुरेंडी के पर्व के दौरान राम रंग से पगी संकीर्तन होली का अनूठा उदाहरण नगर में पेष किया जाएगा।
संकीर्तन समिति द्वारा 2 मार्च शुक्रवार को प्रात: 8 बजे श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर के सामने एकत्रित होकर सर्वप्रथम भगवान श्रीराम, कृष्ण एवं हनुमानजी के चित्र पर रंग गुलाल से टीका लगाकर होली का शुभारंभ किया जाएगा। इसके बाद नगर के बुजुर्गों के चरण स्पर्श एवं एक दूसरों को गुलाल का टीका लगाकर होली की शुभकामनाओं का आदान प्रदान किया जाएगा। इसके बाद श्रीराम धुन एवं भजनों के साथ भक्तिभाव से नाचते झूमते हुए परिचितों पर गुलाल वर्षा करते हुये संकीर्तन यात्रा मे सम्मिलित करते हुए नगर के विभिन्न मार्गों पर संकीर्तन होली की यात्रा को विशालता प्रदान की जाएगी। समस्त धर्मप्रेमी बंधुओं इस मुहिम में अधिक से अधिक संख्या में भागीदार बनने संकीर्तन समिति ने कहा है। होली के दौरान क्रत्रिम व रासायनिक रंगों का प्रयोग नहीं करने कहा गया है।

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