जिला जेल के बंदियों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हर दिन आमद होने वाले आरोपियों को अस्थाई जेल में रखकर संक्रमण को फैलने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने के साथ ही बंदियों को खाना पहुंचने और साफ सफाई के साथ ही बिल्डिंग के सैनेटाइजेशन के काम को भी अलग-अलग विभागों में बांटा जा चुका है। बंदियों को सुरक्षित करने के साथ ही जेल के कर्मचारियों सहित अन्य स्टॉफ को सुरक्षित रखना भी यहां एक बड़ी चुनौती होगी, जिस पर अभी तक किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं गया है। मंगलवार को पोस्ट मैट्रिक छात्रावास भवन का निरीक्षण करने के लिए कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन, जिला पंचायत सीइओ गजेन्द्र सिंह नागेश, पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशांक गर्ग एवं छिंदवाड़ा एसडीएम अतुल सिंह पहुंचे। सुरक्षा के लिए बाहर पुलिस बल तैनात किया जाएगा। जेल के अंदर जिला का स्टॉफ ही मौजूद रहेगा। इसके अलावा साफ सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। इसके अलावा अस्थाई जेल में सीसीटीवी से भी निगरानी रखी जाएगी। जिला जेल से बंदियों को दी जाने वाली जरूरी सामग्री भी अस्थाई जेल तक पहुंचाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
अस्थाई जेल में चुनौतियां
अस्थाई जेल में कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। सुरक्षा के तौर पर स्थाई जेल की तरह नहीं होती। स्टॉफ की कमी से जूझना पड़ेगा। जेल का स्टॉफ अंदर ही रहेगा जिन्हें संक्रमित होने से बचाना भी एक बड़ी चुनौती होगी। नगर निगम के सामने सफाई और सेनेटाइजेशन की चुनौती होगी, क्योंकि यहां हर दिन सफाई और सेनेटाइजेशन करना होगा। अस्थाई जेल से निकलने वाले कचरे को सही तरीके से डिस्पोज करना। हर दिन बंदियों का कोरोना टेस्ट करना। छोटी धाराओं के बंदियों को अस्थाई जेल में रखा जा सकता है, लेकिन बड़ी धारा के बंदी को नहीं रखा जा सकता। मजबूरी में उसे स्थाई जेल में ही रखना होगा। इस तरह की तमात चुनौतियों का सामना अभी करना होगा।
निरीक्षण किया है
अस्थाई जेल बनाने के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रावास भवन का निरीक्षण किया जा चुका है। फिलहाल व्यवस्था बनाई जा रही है।
-यजुवेन्द्र वाघमारे, अधीक्षक, जिला जेल, छिंदवाड़ा