महाप्रसाद वितरण के साथ समापन
मनुष्य देह बड़े सौभाग्य से मिलता है क्योंकि मनुष्य जन्म और मृत्यु के चक्कर में कोटी कोटी जन्म विभिन्न यौनी में लेता है, जिससे वह इस नाशवान शरीर के पालन के लिए जीवन के अंतिम क्षण तक धन संसाधन के चक्कर में अपना मूल्यवान समय बर्बाद कर देता है। मनुष्य को केवल ईश्वर नाम स्मरण तथा हरि कीर्तन श्रवण से परमशांति या मुक्ति मिलती है। उक्त उदगार हभप मधुकर महाराज पाचपुते ने संतश्री सूर्यकांत डोंगरे महाराज पुण्यतिथि हरिनाम सप्ताह समापण कार्यक्रम में गुरुवार दोपहर दहीलाही हरि कीर्तन में व्यक्त किए। आयोजक कमेटी ने हरिनाम सप्ताह महाराज का सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन पंकज ठाकरे महाराज, आशीष बरर्डे महाराज ने किया। आभार डॉ. राजेन्द्र येमदे ने माना। कार्यक्रम का समापण महाप्रसादी वितरण से किया गया। कार्यक्रम में नप अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह परमार, पूर्व कृषि मंडी अध्यक्ष अषोंक चौधरी, विजय चौधरी, राजेश गोयधानी, विजय चौरे, प्रदीप ठाकरे, सरपंच रामदास नखाते, सरपंच रवि चौरे, भागवम महातन, अतुल जुननकर, चंद्रशेखर ठाकरे, समेत नगरवासी तथा क्षेत्र के ग्रामों के श्रद्वालु उपस्थित थे।
मनुष्य देह बड़े सौभाग्य से मिलता है क्योंकि मनुष्य जन्म और मृत्यु के चक्कर में कोटी कोटी जन्म विभिन्न यौनी में लेता है, जिससे वह इस नाशवान शरीर के पालन के लिए जीवन के अंतिम क्षण तक धन संसाधन के चक्कर में अपना मूल्यवान समय बर्बाद कर देता है। मनुष्य को केवल ईश्वर नाम स्मरण तथा हरि कीर्तन श्रवण से परमशांति या मुक्ति मिलती है। उक्त उदगार हभप मधुकर महाराज पाचपुते ने संतश्री सूर्यकांत डोंगरे महाराज पुण्यतिथि हरिनाम सप्ताह समापण कार्यक्रम में गुरुवार दोपहर दहीलाही हरि कीर्तन में व्यक्त किए। आयोजक कमेटी ने हरिनाम सप्ताह महाराज का सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन पंकज ठाकरे महाराज, आशीष बरर्डे महाराज ने किया। आभार डॉ. राजेन्द्र येमदे ने माना। कार्यक्रम का समापण महाप्रसादी वितरण से किया गया। कार्यक्रम में नप अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह परमार, पूर्व कृषि मंडी अध्यक्ष अषोंक चौधरी, विजय चौधरी, राजेश गोयधानी, विजय चौरे, प्रदीप ठाकरे, सरपंच रामदास नखाते, सरपंच रवि चौरे, भागवम महातन, अतुल जुननकर, चंद्रशेखर ठाकरे, समेत नगरवासी तथा क्षेत्र के ग्रामों के श्रद्वालु उपस्थित थे।