scriptमनुष्य देह बड़े सौभाग्य से मिलता है | Human body meets great luck | Patrika News

मनुष्य देह बड़े सौभाग्य से मिलता है

locationछिंदवाड़ाPublished: Oct 26, 2018 05:21:01 pm

शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें नगर सहित आसपास के ग्रामों से भजन मंडलियां शामिल हुईं।

Human body meets great luck

Human body meets great luck

पिपला. जीवन की दिशा बदलने का सबसे बड़ा साधन है अतित की विस्मृति और भविष्य की अकल्पना। अतीत में जो कुछ घटित हुआ और उसकी कितनी ही घटनाएं स्मृति पट पर अंकित होंगी। स्मृति पटल को धोकर साफ करना होगा। इसके बाद भविष्य की चिंता अतीत की स्मृति से भी अधिक खतरनाक है इसलिए भविष्य का बनाना ही नहीं हैं। अतित और भविष्य दोनों से मुक्त होकर के बाद शेष रहता है वर्तमान का एक क्षण उस एक क्षण में जीना शुरू कर देना दिशा के बदलाव की सही सूचना है। हमें जो कुछ बनना है उसका मानसिक चित्र बनाकर अपनी निर्णय शक्ति को पुष्ट करते रहे। उक्ताशय के उदगार हभप मधुकर महाराज पाचपुते ने ब्रह्मलीन सूर्यकांत डोंगरे महाराज के पुण्यतिथि महोत्सव पर आयोजित अखंड हरिनाम सप्ताह में व्यक्त किए। हभप पाचपुते महाराज ने कहा कि लक्ष्य निर्धारण के बिना अनिश्चय सी स्थिति बनी रहती है। जो लोग कुछ बनना चाहते है उन्हें अपने आपको बदलना होगा। शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें नगर सहित आसपास के ग्रामों से भजन मंडलियां शामिल हुईं। यात्रा नगर के बड चौक, गल चौक, विठठल मंदिर, महाजन मोहल्ला, गायत्री मंदिर परिसर, राम मंदिर से होते हुए बस स्टैंड से आयोजन स्थल पहुंची, जहां समापन हुआ। आयोजकों ने शामिल हुई दिडीयों के प्रमुखों को श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।
महाप्रसाद वितरण के साथ समापन
मनुष्य देह बड़े सौभाग्य से मिलता है क्योंकि मनुष्य जन्म और मृत्यु के चक्कर में कोटी कोटी जन्म विभिन्न यौनी में लेता है, जिससे वह इस नाशवान शरीर के पालन के लिए जीवन के अंतिम क्षण तक धन संसाधन के चक्कर में अपना मूल्यवान समय बर्बाद कर देता है। मनुष्य को केवल ईश्वर नाम स्मरण तथा हरि कीर्तन श्रवण से परमशांति या मुक्ति मिलती है। उक्त उदगार हभप मधुकर महाराज पाचपुते ने संतश्री सूर्यकांत डोंगरे महाराज पुण्यतिथि हरिनाम सप्ताह समापण कार्यक्रम में गुरुवार दोपहर दहीलाही हरि कीर्तन में व्यक्त किए। आयोजक कमेटी ने हरिनाम सप्ताह महाराज का सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन पंकज ठाकरे महाराज, आशीष बरर्डे महाराज ने किया। आभार डॉ. राजेन्द्र येमदे ने माना। कार्यक्रम का समापण महाप्रसादी वितरण से किया गया। कार्यक्रम में नप अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह परमार, पूर्व कृषि मंडी अध्यक्ष अषोंक चौधरी, विजय चौधरी, राजेश गोयधानी, विजय चौरे, प्रदीप ठाकरे, सरपंच रामदास नखाते, सरपंच रवि चौरे, भागवम महातन, अतुल जुननकर, चंद्रशेखर ठाकरे, समेत नगरवासी तथा क्षेत्र के ग्रामों के श्रद्वालु उपस्थित थे।
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