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किसान खुद भी कर सकते हैं असली और नकली उर्वरक की पहचान, जानिए तरीका

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 27, 2019 11:09:22 am

Submitted by:

prabha shankar

बीज के 61 सेम्पल पास, खाद के 56 में से नौ मिले अमानक

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छिंदवाड़ा. खेती के लिए बीज, खाद और दवा का सही होना जरूरी है। किसानों को यह गुणवत्तायुक्त मिले इसके लिए विभाग किसानों को दिए जाने वाले इन आदानों का प्रयोगशाला में परीक्षण भी कराता है। इस खरीफ के मौसम में अब बोवनी का काम किसान शुरू कर रहे हैं। जल्द ही खाद का उपयोग भी शुरू हो जाएगा।

बीज के अब तक की आई 61 सेम्पल रिपोर्ट में सभी नमूने तय मानक के पाए गए हैं। विभिन्न कम्पनियों की खाद जिले में बिकने को आती है। इसके 56 सेम्पलों की रिपोर्ट में नौ कम्पनियों के खाद के नमूने अमानक पाए गए हैं। इसमें से अब तक आठ की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है वहीं कम्पनियों के लाइसेंस निलम्बित करने का काम किया जा रहा है। इस बार कृषि विभाग ने बीज के 104 नमूने, खाद के 90 और दवा के सात नमूने टेस्ट के लिए भेजे हैं। बीज 43 और खाद के 44 नमूनों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इस सप्ताह खाद बीज की रिपोर्ट आ जाएगी। दवा की टेस्टिंग में समय लगता है।
खरीफ फसलों के लिए किसान महंगी खाद और उर्वरक का उपयोग पैदावार बढ़ाने के लिए करते हैं, लेकिन कई बार जानकारी के अभाव में नकली उर्वरक का उपयोग कर लेने से किसानों को लाभ की जगह बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। किसान अपने घर में भी असली और नकली उर्वरक की पहचान कर सकते हैं। कृषि विभाग किसानों को यह सलाह भी भेज रहा है ताकि वे अपने हाथों से खुद असली और नकली की पहचान करें।

डीएपी
सबसे ज्यादा मिलावट महंगी खादों में की जाती है। इनमें डीएपी भी शामिल है। इसकी पहचान के लिए डीएपी के कुछ दानों को हाथ में रखकर उसमें चूना मिलाएं और तम्बाकू की तरह रगड़ें। यदि उसमें से तेज गंध निकले जिसे सूंंघना मुश्किल हो जाए तो समझो कि डीएपी असली है। इसके दाने तवे पर धीमी आंच में गर्म करने से फूल जाते हैं। इसके दाने कठोर भूरे काले और बादामी रंग के होते हैं जो नाखून से आसानी से नहीं टूटते।

यूरिया
यूरिया के दाने सफेद चमकदार होते हैं और सभी लगभगसमान आकार के होते हैं। यह पानी में पूरी तरह घुल जाते हैं। यूरिया के कड़े दाने तवे पर धीमी आंच में गर्म करने पर पिघल जाते हैं और आंच तेज पर यदि यूरिया का कोई अवशेष न बचे तो समझो कि यह यूरिया असली है।
पोटाश
यह सफेद नमक और लाल मिर्च के मिश्रण जैसे होता है। इसके कुछ दानों पर पानी की बूंद डालें। अगर यह आपस में चिपके नहीं और अलग-अलग रहे तो यह असली पोटाश है। एक बात और है कि पोटाश को पानी में घोलने पर इसका लाल भाग पानी में ऊ पर तैरता रहता है।

सुपर फास्फेट
इसकी असली पहचान करने का तरीका यह है कि यदि इसके सख्त भूरे काले बादामी रंग के दानों को गर्म किया जाए तो यह फूलते नहीं हैं। उनके आकार में कोई फर्क नहीं पड़ता है।

सबसे ज्यादा उपयोग में लाए जाने वाले इन सभी उर्वरकों को किसान घर में ही जांच कर फसल गुणवत्तायुक्त बनाकर ज्यादा उपज ले सकते हंै।

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