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सुरक्षा तंत्र विकसित नहीं किया तो चलेगा अवैध कारोबार

locationछिंदवाड़ाPublished: Jan 19, 2019 11:51:19 am

Submitted by:

manohar soni

रेत खदानों पर कार्रवाई के कुछ दिन बाद फिर सक्रिय हो जाते हैं कारोबारी

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सुरक्षा तंत्र विकसित नहीं किया तो चलेगा अवैध कारोबार


छिंदवाड़ा.सौंसर क्षेत्र की पांच रेत खदानों से पोकलैण्ड,ट्रैक्टर और डम्पर जब्त होने के बाद अवैध उत्खनन और परिवहन तुरंत बंद हो गया है लेकिन अगले कुछ माह में यह फिर शुरू हो सकता है। यह इसलिए संभव है क्योंकि रेत चोरी रोकने के लिए इस क्षेत्र में निगरानी तंत्र नहीं है। खनिज विभाग के पास सीमित निरीक्षक है तो पुलिस और राजस्व के पास भी सीमित बल होने से लम्बे समय तक केवल एक काम को नहीं देखा जा सकता। इस स्थिति में कांग्रेस सरकार से सीआईएसएफ जैसे निगरानी तंत्र विकसित करने की अपेक्षा की जा रही है।
पिछले पांच साल से सौंसर क्षेत्र अवैध रेत उत्खनन और परिवहन का गढ़ रहा है। मालेगांव,रोहना,सायरा,रझाड़ी बोरगांव और लोहांगी की रेत खदानों का संचालन संबंधित कम्पनियों को सौंप दिया गया लेकिन पोकलैण्ड मशीन से उत्खनन और क्षमता से अधिक डम्पर में परिवहन की की शिकायतें कम नहीं हुई। सत्ता की धौंस पर काला कारोबार चलता रहा। कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री कमलनाथ के बनने के बाद खनिज विभाग ने बड़ी छापामार कार्रवाई की। सूत्रों का दावा है कि अवैध रेत से जुड़े कारोबारी कुछ माह बाद फिर सक्रिय हो जाएंगे क्योंकि कन्हान नदी के तट की इन खदानों का क्षेत्र विस्तृत है। सरकारी निगरानी तंत्र के अभाव में यह काला कारोबार फिर चमक उठेगा। जैसा पूर्व का अनुभव रहा है।

सीएम से बढ़ी निगरानी तंत्र की अपेक्षाएं
प्रदेश में कांग्रेस सरकार के मुखिया कमलनाथ छिंदवाड़ा से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ऐसे में उनसे रेत खदानों के लिए निगरानी तंत्र विकसित करने की अपेक्षा की जा रही है। यहां यह ध्यान दिलाना जरूरी है कि एक समय कोयलांचल भी कोयला चोरी के लिए बदनाम था। ऐसे में कमलनाथ ही अपने प्रयास से सीआईएसएफ जैसी संस्था लेकर आए थे। इसके बाद से कोयला खदानों से कोयला चोरी पर अंकुश लगा। इसी तरह रेत पर ऐसे निगरानी तंत्र को लाया जा सकता है। इससे रेत कारोबारी पर निगरानी रखी जा सकती है। इस पर नीतिगत निर्णय लिया जाना चाहिए।
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पेंच नदी के किनारे बढ़ा उत्खनन
सौंसर में कन्हान नदी पर ही प्रशासन का ध्यान गया है लेकिन चांद-चौरई से लगी पेंच नदी में भी रेत का अवैध उत्खनन बढ़ गया है। खासकर झिरिया गिरिया,पाल्हरी,सिरस,कोना पिंडरई,पालादौन और बेलखेड़ा से हर दिन रेत निकलकर चौरई और छिंदवाड़ा तक पहुंच रही है। इस पर अवैध वसूली पर जमकर चल रही है। चांद और सिंगोड़ी से भी रेत जिला मुख्यालय आ रही है। इस पर खनिज विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।
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इनका कहना है..
रेत खदानों पर निगरानी तंत्र विकसित करने के लिए विभागीय स्तर पर विचार-विमर्श जारी है। जैसे ही कोई दिशा-निर्देश आएंगे,उस पर अमल किया जाएगा।
-मनीष पालेवार,जिला खनिज अधिकारी।

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