अब भी यहीं से आ रही ज्यादा शिकायतें
1.पेंच नदी के तट खासकर चौरई-चांद इलाके से रेत छिंदवाड़ा और चौरई में पहुंच रही है। पेंच नेशनल पार्क के बफर जोन के कोना पिंडरई, सिरस से लेकर मोआरी घाट, पाल्हरी बंदी, झिरिया केरिया, कौआखेड़ा, लोनीबर्रा, झिलमिली और खर्राघाट से रेत रात के अंधेरे में निकलती है।
2.बैतूल रोड के गांव ग्राम खैरवाड़ा में कुलबेहरा नदी से रेत की अवैध निकासी हो रही है और उसे इमलीखेड़ा के रास्ते छिंदवाड़ा लाया जा रहा है। इमलीखेड़ा के आसपास कॉलोनी निर्माण में मांग होने से यहीं रेत की बिक्री की जा रही है।
3. सौंसर में रोहना, सायरा, काजलवानी, रामाकोना की कन्हान नदी से रेत चोरी छिपे बिक रही है। प्रशासन कई बार जेसीबी-वनटेन मशीन और डम्पर जब्त कर चुका है।
4.परासिया, दमुआ, जुन्नारदेव, उमरेठ समेत कोयलांचल में भी रेत के कारोबारी सक्रिय हैं। प्रतिबंधात्मक अवधि में भी रेत नदियों से निकालकर बेची जा रही है।
5.अमरवाड़ा रोड पर सिंगोड़ी से जुड़ी पेंच नदी के तट से भी रेत निकल रही है। वहीं अमरवाड़ा, हर्रई और बटकाखापा में भी रेत निकलकर बाजार में पहुंच रही है।