साप्ताहिक बाजार में होती है खतरे की सवारी
जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में साप्ताहिक बाजारों में पहुंचने वाले ग्रामीण इन यात्री वाहनों पर ही निर्भर हैं। इन छोटे चौपहिया वाहनों को ओवरलोड़ देखा जा सकता है। छोटे माल वाहक वाहनों को इन साप्ताहिक बाजारों में सवारी वाहन बना दिया जाता है। एक छोटे से वाहन में 40 से 50 ग्रामीण सवार होकर खतरों का सफर तय करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह वाहन दुर्घटना का शिकार होते है।
नागपुर मार्ग पर टैक्सियों का संचालन
जिले में टैक्सियों का संचालन सबसे ज्यादा नागपुर मार्ग पर होता है, लेकिन परिवहन विभाग इन वाहनों पर कार्रवाई नहीं करता है। नागपुर मार्ग पर 50 से ज्यादा टैक्सियों का संचालन प्रतिदिन होता है, जो सौंसर होते हुए महाराष्ट्र पहुंचती हैं। इन वाहनों पर परिवहन व पुलिस अमला कार्रवाई नहीं करता है। कभी कभार विभाग जांच करता भी है, तो यह वाहन इस मार्ग से गायब हो जाते हैं।
जांच अभियान
बसों को लेकर तो लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अन्य वाहनों को भी जांचा जाता है। जिन वाहनों में यातायात व परिवहन नियमों की अनदेखी मिलेगी, उन वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी। जांच अभियान लगातार चलाया जाएगा। – मनोज कुमार तेहनगुरिया, आरटीओ, छिंदवाड़ा