साथ ही मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराई है। बताया जाता है कि चंदनगांव निवासी मोनिका पति शिवजी सल्लाम (26) प्रसव पीड़ा के चलते 30 मार्च 2020 को जननी एक्सप्रेस के माध्यम से सुबह करीब 7 बजे सिम्स से सम्बद्ध जिला अस्पताल पहुंच गए थे। इसके बाद पति शिवजी ने उपचार के लिए पर्ची भी बना लिया था तथा डॉक्टर के संदर्भ में पूछा तो उन्हें नौ बजे आने का बोला गया।
लेकिन दोपहर 12 बजे तक उन्हें उपचार नहीं मिला, तब तक स्थिति और बिगड़ गई। बार-बार झटके आने और प्रसव पीड़ा बढऩे से महिला बेहोश हो गई, जिसके बाद नर्सों प्रसूता को लेबर रूम लेकर गए तथा बेहोशी की हालत में महिला ने दोपहर 2.20 बजे एक फीमेल शिशु को सामान्य प्रसव से जन्म दिया। परिजन ने बताया कि इस दौरान दो झटके आ चुके थे।
रेफर करने में लगाई गई देरी – इधर मामला बिगड़ा जान मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर ने प्रसूता को नागपुर रेफर कर दिया। लेकिन विभागीय कर्मचारियों ने दस्तावेज तैयार करने में करीक एक घंटा लगा दिया। गंभीर स्थिति में प्रसूता नागपुर पहुंची तथा प्रसव के तीसरे दिन 2 अप्रैल 2020 को नागपुर में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
डिलेवरी का मांगा नजराना – बेहोशी की हालत में प्रसूता ने सामान्य प्रक्रिया से शिशु को जन्म दिया, जिसके बावजूद विभाग की स्टाफ नर्स-आया ने महिला की मां को लेबर रूम में बुलाकर पांच सौ रुपए का नजराना मांगा। मां ललीता ने बताया कि विभागीय कर्मचारी पूरे समय अभद्रता करते रहे तथा बेटी के इलाज अच्छा होगा, जिसके लिए पैसे भी दिए। लेकिन बच्चे और मां की साफ-सफाई किसी ने नहीं की सभी काम मुझसे ही कराए गए।
सोनोग्राफी में बताया गया सामान्य स्थिति – लॉकडाउन के पहले पति शिवजी ने प्रसूता की सोनोग्राफी छिंदवाड़ा के एक निजी हॉस्पिटल में कराई थी तथा रिपोर्ट में सब कुछ सामान्य बताया गया था। इसके बावजूद जिला अस्पताल में डॉक्टर-नर्स हाई बीपी की बात करते रहे।
दोषियों के खिलाफ करेंगे कार्रवाई –
मामले की जांच कराएंगे तथा जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करेंगे। पैसे मांगने वाले खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराएंगे।
– डॉ. पी. कौर गोगिया, सिविल सर्जन
मामले की जांच कराएंगे तथा जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करेंगे। पैसे मांगने वाले खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराएंगे।
– डॉ. पी. कौर गोगिया, सिविल सर्जन