उल्लेखनीय है कि 21 फरवरी 2019 को जबलपुर से आई आयकर विभाग की टीम ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय समेत जिले के आठ ठिकानों पर दबिश दी थी। इस दौरान आयकर टीम ने समय पर कर्मचारियों का आयकर जमा न करने, शासकीय योजनाओं के तहत हितग्राहियों को भुगतान करने से पूर्व टीडीएस न काटने पर नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही राज्य बीमारी के तहत चिह्नित हॉस्पिटलों को बिना टीडीएस काटे भुगतान न करने की हिदायत दी थी और अपने साथ वार्षिक बजट की कॉपी साथ लेकर जबलपुर गए थे।
अधूरे हैं कई दस्तावेज
सीएमएचओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बजट को मनमाने ढंग से खर्च किया गया।
वर्ष 2012-13 से 2013-14 के बीच किए गए खर्चों के कई दस्तावेज पूर्ण नहीं हैं और कई के बिल बाउचर गायब हैं। इतना ही नहीं जिला लेखा प्रबंधक बदल गए, लेकिन वैधानिक ढंग से कार्य भार सौंपने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। ऐसे में आयकर विभाग कई मामलों में सम्बंधितों को नोटिस जारी कर सकता है।