छिंदवाड़ाPublished: May 20, 2019 12:49:10 am
prabha shankar
ऑफ सीजन में इसके भाव और ऊपर जाने की सम्भावना
Wheat purchase in chhindwara
छिंदवाड़ा. सरकारी गोदामों में कम खरीदी का सबसे बड़ा कारण मंडी की नीलामी में व्यापारियों द्वारा गेहूं को ज्यादा दाम दिया जाना है। व्यापारियों ने इस बार 1900 रुपए से कम दाम पर गेहूं खरीदा ही नहीं। वर्तमान में किसानों को 2110 रुपए प्रति क्विंटल तक व्यपारियों ने दिया है। इससे अनाज मंडियों में खुले में बिकने वाला गेहूं महंगा होने के आसार हैं।
इस समय साधारण और मध्यम श्रेणी का गेहूं ही 25 से 30 रुपए किलो बिक रहा है। ऑफ सीजन में इसके भाव और ऊपर जाने की सम्भावना है।
समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी का आंकड़ा इस बार 30 हजार मीट्रिक टन भी पहुंचना मुश्किल लग रहा है। अब तक 27 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई है और गोदाम खाली पड़े हैं। पिछले साल 19 मई तक 99 हजार मीट्रिक टन गेहूं सरकारी गोदामों में पहुंच चुका था। अब तक सिर्फ चार हजार 825 किसान ही अपनी उपज लेकर आए हैं। पिछले साल एक लाख 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई थी। इस बार भी सरकार ने सरकारी गोदामों के साथ निजी गोदामों को स्टॉक रखने के लिए अधिग्रहित किया था, लेकिन इस बार सरकारी गोदाम ही नहीं भर पाए हैं। जिले की कुछ समितियां तो ऐसी जहां का स्टाफ पूरी खरीदी के समय हाथ पर हाथ रखकर ही बैठा रहा। समसवाड़ा, गोपालपुर के दोनों केंद्र और हीवरखेड़ी में तो एक-एक किसान ही पहुंचा। हिवरखेड़ी में तो सिर्फ 9 क्विंटल तो गोपालपुर में 10 क्विंटल गेहूं समिति में आया। अब तक की यह सबसे कम खरीदी है।