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ट्रेन चलाने रेलवे ने नहीं दी पटरी, समय पर लक्ष्य नहीं हो पाएगा पूरा

locationछिंदवाड़ाPublished: Jan 15, 2019 12:58:05 pm

Submitted by:

ashish mishra

छिंदवाड़ा से नागपुर अमान परिवर्तन कार्य में पटरी का अभाव रोड़ा बन गया है।

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ट्रेन चलाने रेलवे ने नहीं दी पटरी, समय पर लक्ष्य नहीं हो पाएगा पूरा

छिंदवाड़ा. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत छिंदवाड़ा से नागपुर अमान परिवर्तन कार्य में पटरी का अभाव रोड़ा बन गया है। ऐसे में अब मार्च 2019 तक छिंदवाड़ा से नागपुर तक ट्रेन चलने पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। गौरतलब है कि दपूमरे ने मार्च 2019 तक छिंदवाड़ा से नागपुर तक ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा था जो अब पटरी के अभाव में समय पर पूरा होता नहीं दिख रहा है। दरअसल गेज कन्वर्जन विभाग द्वारा छिंदवाड़ा से नागपुर चार खंड में रेलमार्ग का कार्य किया जा रहा है। पहला खंड छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक कुल 35 किमी तक ट्रेन का आवागमन भी शुरू हो गया है। वहीं बीते दिनों इतवारी से केलोद तक कुल 49 किमी रेलमार्ग का सीआरएस भी हो गया। सीआरएस ने इस रेलमार्ग पर 119 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाकर ट्रायल भी कर लिया। अब तीसरे खंड में केलोद से भिमालगोंदी तक गेज कन्वर्जन विभाग कार्य कर रहा है। केलोद से भिमालगोंदी रेलमार्ग की दूरी 45 किमी है। रेलवे अधिकारियों की मानें तो इस रेलमार्ग का भी लगभग 95 प्रतिशत काम हो चुका है।
फरवरी में सीआरएस का लक्ष्य
इतवारी से केलोद तक सीआरएस के बाद अब गेज कन्वर्जन का अगला लक्ष्य केलोद से भिमालगोंदी तक सीआरएस कराना है। इस नए रेलमार्ग पर अभी थोड़े-बहुत काम रह गए हैं। अधिकारियों की मानें तो कार्य एक हफ्ते में पूरे हो जाएंगे। इसके बाद फरवरी में सीआरएस को आमंत्रित करने का प्रस्ताव दिया जाएगा।
यहां आ रही परेशानी
गेज कन्वर्जन विभाग को भिमालगोंदी से भंडारकुंड तक कुल 20 किमी रेलमार्ग के लिए रेलवे बोर्ड ने पटरी उपलब्ध नहीं कराई है। फरवरी में रेल बजट के बाद ही अब पटरी आने की उम्मीद है। सूत्रों की मानें तो इस कार्य में अब तीन से चार माह का समय लग सकता है। ऐसे में भिमालगोंदी से भंडारकुंड तक सीआरएस में पांच माह या इससे अधिक का समय लग सकता है। चारों खंडों में सीआरएस होने के बाद ही छिंदवाड़ा से नागपुर तक लोगों को ट्रेन मिल पाएगी। वहीं इस बार दिसम्बर माह में रेलवे बोर्ड द्वारा जारी किए गए रिवाइज बजट में भी जरूरत के हिसाब से बजट नहीं दिया गया है। ऐसे में छिंदवाड़ा से नागपुर एवं जबलपुर तक रेल परियोजनाओं की रफ्तार अभी तीन से चार माह धीमे ही रहेगी।
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