इन बिन्दुओं पर रही नजर
सीआरएस ने भिमालगोंदी से केलोद तक मोटर ट्राली से निरीक्षण के दौरान रेलमार्ग में बने छोटे-बड़े ब्रिज, स्टेशन बिल्डिंग, पैनल, सिग्नल, गेट सहित संरक्षा एवं सुरक्षा के लिहाज से हर बिन्दु पर निरीक्षण किया।
सीआरएस ने भिमालगोंदी से केलोद तक मोटर ट्राली से निरीक्षण के दौरान रेलमार्ग में बने छोटे-बड़े ब्रिज, स्टेशन बिल्डिंग, पैनल, सिग्नल, गेट सहित संरक्षा एवं सुरक्षा के लिहाज से हर बिन्दु पर निरीक्षण किया।
दो माह में दूसरा निरीक्षण
छिंदवाड़ा से नागपुर तक जल्द लोगों को ट्रेन मिले इसके लिए जनवरी 2019 से प्रयास तेज हो गए हैं। यही वजह है कि सीआरएस एके राय ने 12 एवं 13 जनवरी को इतवारी से केलोद तक बनाए गए रेलमार्ग का निरीक्षण कर लगभग एक हफ्ते बाद ही सर्टिफाइड लेटर जारी कर दिया था। इसके पश्चात लगभग दो माह बाद ही सीआरएस ने शनिवार को केलोद से भिमालगोंदी तक निरीक्षण कर लिया।
छिंदवाड़ा से नागपुर तक जल्द लोगों को ट्रेन मिले इसके लिए जनवरी 2019 से प्रयास तेज हो गए हैं। यही वजह है कि सीआरएस एके राय ने 12 एवं 13 जनवरी को इतवारी से केलोद तक बनाए गए रेलमार्ग का निरीक्षण कर लगभग एक हफ्ते बाद ही सर्टिफाइड लेटर जारी कर दिया था। इसके पश्चात लगभग दो माह बाद ही सीआरएस ने शनिवार को केलोद से भिमालगोंदी तक निरीक्षण कर लिया।
अब बचेगा आखिरी खंड, फिर मिलेगी नागपुर तक ट्रेन
रेलवे निर्माण विभाग द्वारा छिंदवाड़ा से नागपुर तक (149 किमी रेलमार्ग)गेज कन्वर्जन के कार्यों को कुल चार खंड में पूरा किया जा रहा है। जिसमें दो खंड में ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है। तीसरे खंड में केलोद से भिमालगोंदी तक बनाए गए रेलमार्ग के सीआरएस द्वारा सर्टिफाइड किए जाने के बाद ट्रेन दौडऩे लगेगी। इसके पश्चात चौथा एवं आखिरी खंड भिमालगोंदी से भंडारकुंड रेलमार्ग रह जाएगा। 20 किमी में बनाए गए इस रेलमार्ग का अधिकतर हिस्सा घाट सेक्शन में आता है। जिसमें दो बड़ी सुरंग भी है। इस खंड के अधिकतर कार्य भी पूरे हो चुके हैं। हालांकि पटरी बिछाने का कार्य अभी चल रहा है। यहां सीआरएस के निरीक्षण एवं सर्टिफिकेशन मिलने के बाद ट्रेन का परिचालन शुरु किया जाएगा। अनुमान है कि चार से पांच माह में यहां कार्य पूरा होगा। इसके पश्चात लोगों को छिंदवाड़ा से नागपुर तक सीधे ट्रेन मिलेगी।