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रेलवे ने किन सुविधाओं से इस क्षेत्र को रखा है दूर, पढि़ए पूरी खबर

locationछिंदवाड़ाPublished: Apr 24, 2019 11:53:28 am

Submitted by:

ashish mishra

सुविधाएं कुछ ही क्षेत्रों में सिमट कर रह जा रही है।

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रेलवे ने किन सुविधाओं से इस क्षेत्र को रखा है दूर, पढि़ए पूरी खबर

छिंदवाड़ा. रेलवे द्वारा यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाएं कुछ ही क्षेत्रों में सिमट कर रह जा रही है। आज जहां देश के विभिन्न जगहों पर तीसरी और चौथी रेल लाइन के कार्य किए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ छिंदवाड़ा इस सुविधा से मरहुम है। छिंदवाड़ा से आमला तक सिंगल रेलमार्ग अब जल्द ही परेशानी का सबब बन जाएगी। जानकारों की मानें तो रेलवे के पास छिंदवाड़ा के लिए न पहले कोई मास्टर प्लान था और न अब है। छिंदवाड़ा से नागपुर और जबलबपुर के लिए गेज कन्वर्जन का कार्य बीते दस सालों से किया जा रहा है, इसी कार्य में अगर डबल रेलमार्ग भी हो जाता तो भविष्य में आने वाली दिक्कतों से बचा जा सकता था। दरअसल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत छिंदवाड़ा से नागपुर ब्राडगेज का कार्य अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि आने वाले 90 दिनों में इस रेलमार्ग पर ट्रेनों का परिचालन शुरु हो जाएगा। यानि छिंदवाड़ा के यात्री ब्राडगेज लाइन पर नागपुर तक ट्रेन से सफर कर सकेंगे। इन लाइन के चालू होते ही नागपुर, छिंदवाड़ा, परासिया, जुन्नारदेव, आमला रेलमार्ग पर ट्रेनों के परिचालन की संख्या भी बढ़ेगी। लेकिन इनके परिचालन में सिंगल रेलमार्ग परेशानी खड़ी करेगी। वहीं दूसरी तरफ वर्ष 2020 में जबलपुर तक ट्रेनों का परिचालन शुरु हो जाएगा। दोनों ही रुटों पर अभी सिंगल रेलमार्ग ही बनाया गया है।
रेल परिवहन बढ़ेगा तो होगी मुश्किल
जानकारों की मानें तो छिंदवाड़ा से नागपुर एवं जबलपुर तक रेलमार्ग जुड़ जाने से परिवहन भी बढ़ेगा। यानि मालगाड़ी ट्रेनों की संख्या बढ़ जाएगी। ऐसे में सिंगल रेलमार्ग परेशानी खड़ी करेगी। यात्रियों से भरी ट्रेनों को तो किसी स्टेशन पर क्रासिंग कराकर आगे बढ़ाया जा सकता है, लेकिन मालगाड़ी के लिए लंबा समय लगेगा।
यहां चल रहा तीसरी एवं चौथी रेल लाइन का कार्य
रेलवे द्वारा हबीबगंज से इटारसी, दुर्ग से नागपुर, मथुरा से झांसी सहित अन्य जगहों पर तीसरी रेल लाइन के विस्तारीकरण का कार्य किया जा रहा है। वहीं मथुरा से पलवल के बीच एवं अन्य जगहों पर चौथी लाइन के कार्य किए जा रहे हैं।
भविष्य को देखते हुए बनाया जाता है मास्टर प्लान
किसी भी क्षेत्र में विकास के लिए नियोजन विभाग द्वारा भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए दस से पन्द्रह साल का मास्टर प्लान बनाया जाता है और फिर इसी के अनुसार कार्य होते हैं। जानकारों की मानें तो अगर गेज कन्वर्जन के दौरान ही छिंदवाड़ा से आमला तक डबल ट्रैक का प्रस्ताव को भी अमलीजामा पहना दिया जाता तो फिर आने वाले परेशानियों से बचा जा सकता था।
अब तक कोई प्रस्ताव नहीं
छिंदवाड़ा से आमला तक लगभग 140 किमी की दूरी पर डबल रेलमार्ग का मुद्दा अब तक किसी ने नहीं उठाया है और न ही इस संबंध में कोई प्रस्ताव आया है। जानकारों का कहना है कि अब तक बिना रूकावट सिंगल रेलमार्ग से काम चल रहा था। ऐसे में किसी ने इसकी सुध नहीं ली, लेकिन आने वाले समय में इसकी जरूरत पड़ेगी। विशेषज्ञों की मानें तो अगर छिंदवाड़ा से आमला तक डबल लाइन का प्रस्ताव वर्ष 2019 में आया और मंजूर हुआ भी तो इसे बनाने में लगभग 10 साल लग जाएंगे।
दो मंडल भी खड़ी कर रहा परेशानी
छिंदवाड़ा से परासिया की तरफ रेलमार्ग दो रेल मंडल क्षेत्र में आता है। इन दोनों मंडल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे एवं सेंट्रल रेलवे के बीच सामजस्य न होने से सुविधाएं भी समय पर यात्रियों को नहीं मिल पाती।
गांगीवाड़ा स्टेशन बने तो परेशानी होगी दूर
जानकारों का कहना है कि तत्कालिक रूप से गांगीवाड़ा रेलवे स्टेशन बनाने की जरूरत है। इससे परासिया और छिंदवाड़ा की दूरी कम हो जाएगी। गांगीवाड़ा स्टेशन पर दो से तीन ट्रेनों की क्रासिंग कराई जा सकेगी।

इनका कहना है
यह बहुत जरूरी है कि भविष्य को देखते हुए रेलवे कार्य कराए। इससे समय की बचत भी होगी और यात्री परेशानी से भी बचेंगे। मैं बैठक में डबल रेलमार्ग का मुद्दा उठाउंगा।
सत्येन्द्र ठाकुर, जोनल सदस्य, दपूमरे
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