वैकल्पिक रूट पर चलाने की मांग
पातालकोट एक्सप्रेस के 13 दिनों तक रद्द होने से यात्रियों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। यात्रियों का कहना है कि रेलवे को छिंदवाड़ा से दिल्ली तक चलने वाली एकमात्र ट्रेन को रद्द नहीं करना चाहिए था। अगर किसी कारण से ऐसा नहीं हो सकता तो कम से रेलवे वैकल्पिक मार्ग पर पातालकोट एक्सप्रेस को चलाए। यह भी संभव नहीं है तो छिंदवाड़ा से जहां तक संभव हो वहां तक एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन किया जाए। वहीं कुछ यात्रियों ने पैसेंजर में डिब्बे बढ़ाने की भी मांग की।
पातालकोट एक्सप्रेस के 13 दिनों तक रद्द होने से यात्रियों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। यात्रियों का कहना है कि रेलवे को छिंदवाड़ा से दिल्ली तक चलने वाली एकमात्र ट्रेन को रद्द नहीं करना चाहिए था। अगर किसी कारण से ऐसा नहीं हो सकता तो कम से रेलवे वैकल्पिक मार्ग पर पातालकोट एक्सप्रेस को चलाए। यह भी संभव नहीं है तो छिंदवाड़ा से जहां तक संभव हो वहां तक एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन किया जाए। वहीं कुछ यात्रियों ने पैसेंजर में डिब्बे बढ़ाने की भी मांग की।
ट्रेन से यात्रा के अब यह विकल्प
पातालकोट एक्सप्रेस के रद्द होने से अब छिंदवाड़ा से भोपाल, बीना, झांसी, ग्वालियर, दिल्ली तक यात्रियों को ट्रेन से यात्रा करने के लिए दूसरे विकल्प का सहारा लेना होगा। यात्रियों के पास छिंदवाड़ा से सुबह 7.45 बजे बैतूल पैसेंजर भी एक विकल्प है। यह ट्रेन दोपहर 12 बजे आमला और 1 बजे बैतूल पहुंचती है। हालांकि अक्सर यह ट्रेन दो से तीन घंटे विलंब से ही चलती है। इसके अलावा दोपहर 12.30 बजे छिंदवाड़ा से बोरदई, शाम 5.40 बजे छिंदवाड़ा से आमला एवं शाम को 9 बजे छिंदवाड़ा से इंदौर पैसेंजर भी विकल्प है। इन ट्रेनों के सहारे यात्री बैतूल, आमला रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं। जहां से ट्रेन के काफी विकल्प मिल जाएगा। इसके अलावा शाम को पेंचवैली पैसेंजर भी रेल यात्रियों की मुश्किल कुछ हद तक कम कर सकती है।