सीआरएस के अप्रूवल के बाद चलेगी ट्रेन
भंडारकुंड से भिमालगोंदी तक रेलमार्ग का कार्य पूरा होने के बाद कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी निरीक्षण करेंगे। हालांकि यह सीआरएस के ऊपर निर्भर है कि वह गेज कन्वर्जन विभाग को निरीक्षण के लिए कब की तिथि देते हैं। निरीक्षण के बाद सीआरएस खामी न मिलने पर रेलमार्ग को अप्रूव करेंगे। जिसके बाद रेलवे बोर्ड से अनुमति लेकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे छिंदवाड़ा से नागपुर तक सीधे ट्रेन चला सकेगा। यानि सब कुछ टाइम टू टाइम हुआ तो 15 दिन में छिंदवाड़ा से नागपुर तक ट्रेन की सुविधा लोगों को मिलेगी।
भंडारकुंड से भिमालगोंदी तक रेलमार्ग का कार्य पूरा होने के बाद कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी निरीक्षण करेंगे। हालांकि यह सीआरएस के ऊपर निर्भर है कि वह गेज कन्वर्जन विभाग को निरीक्षण के लिए कब की तिथि देते हैं। निरीक्षण के बाद सीआरएस खामी न मिलने पर रेलमार्ग को अप्रूव करेंगे। जिसके बाद रेलवे बोर्ड से अनुमति लेकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे छिंदवाड़ा से नागपुर तक सीधे ट्रेन चला सकेगा। यानि सब कुछ टाइम टू टाइम हुआ तो 15 दिन में छिंदवाड़ा से नागपुर तक ट्रेन की सुविधा लोगों को मिलेगी।
1420 करोड़ की है परियोजना, 149 किमी है दूरी
छिंदवाड़ा से नागपुर ब्राडगेज रेलमार्ग की दूरी 149 किमी है। यह परियोजना 1420.38 करोड़ की लागत से पूरा किया जा रहा है। 1 दिसंबर 2015 को छिंदवाड़ा से नागपुर आमान परिवर्तन परियोजना के लिए छोटी रेल लाइन पर टे्रन का परिचालन बंद कर दिया गया। इसके बाद गेज कन्वर्जन विभाग ने ब्राडगेज के लिए चरणबद्ध कार्य शुरु किया। विभाग ने छिंदवाड़ा से नागपुर कुल 149 किमी रेलमार्ग को चार खंडों में पूरा करने का लक्ष्य बनाया। पहला खंड छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक (कुल 35 किमी) रेलमार्ग का कार्य वर्ष अक्टूबर 2017 में पूरा कर लिया। जनवरी 2018 में छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक ट्रेन का परिचालन भी शुरु हो गया। जनवरी 2019 में दूसरे खंड इतवारी से केलोद तक(47 किमी) रेलमार्ग का भी कार्य पूरा हुआ। 23 फरवरी से इस रेलमार्ग पर ट्रेन का परिचालन भी शुरु कर दिया गया। इसके पश्चात लगभग दो माह बाद ही केलोद से भिमालगोंदी तक ट्रेन का परिचालन शुरु हो गया है। अब चौथा और आखिरी खंड भिमालगोंदी से भंडारकुंड तक का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो पन्द्रह से बीस दिन में इस लाइन पर भी ट्रेन का परिचालन शुरु हो जाएगा।
छिंदवाड़ा से नागपुर ब्राडगेज रेलमार्ग की दूरी 149 किमी है। यह परियोजना 1420.38 करोड़ की लागत से पूरा किया जा रहा है। 1 दिसंबर 2015 को छिंदवाड़ा से नागपुर आमान परिवर्तन परियोजना के लिए छोटी रेल लाइन पर टे्रन का परिचालन बंद कर दिया गया। इसके बाद गेज कन्वर्जन विभाग ने ब्राडगेज के लिए चरणबद्ध कार्य शुरु किया। विभाग ने छिंदवाड़ा से नागपुर कुल 149 किमी रेलमार्ग को चार खंडों में पूरा करने का लक्ष्य बनाया। पहला खंड छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक (कुल 35 किमी) रेलमार्ग का कार्य वर्ष अक्टूबर 2017 में पूरा कर लिया। जनवरी 2018 में छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक ट्रेन का परिचालन भी शुरु हो गया। जनवरी 2019 में दूसरे खंड इतवारी से केलोद तक(47 किमी) रेलमार्ग का भी कार्य पूरा हुआ। 23 फरवरी से इस रेलमार्ग पर ट्रेन का परिचालन भी शुरु कर दिया गया। इसके पश्चात लगभग दो माह बाद ही केलोद से भिमालगोंदी तक ट्रेन का परिचालन शुरु हो गया है। अब चौथा और आखिरी खंड भिमालगोंदी से भंडारकुंड तक का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो पन्द्रह से बीस दिन में इस लाइन पर भी ट्रेन का परिचालन शुरु हो जाएगा।