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बजट के साथ अब रेत की कमी डाले रही रोड़ा, अगले माह से यहां रेलमार्ग के कार्य हो जाएंगे ठप

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 22, 2019 12:39:32 pm

Submitted by:

ashish mishra

रेल परियोजना को पूरा करने के लिए निर्माण विभाग ने मार्च 2020 का लक्ष्य रखा था।

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बजट के साथ अब रेत की कमी डाले रही रोड़ा, अगले माह से यहां रेलमार्ग के कार्य हो जाएंगे ठप

छिंदवाड़ा. रेल परियोजना के कार्यों में अब बजट के साथ रेत की कमी भी रोड़ा बन रही है। गेज कन्वर्जन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रेत की कमी के चलते निर्माण एजेंसी हाथ खड़ी कर रही है। जो रेत निर्माण एजेंसी ने रखा हुआ है उससे एक से दो हफ्ते और काम चलेगा, इसके पश्चात निर्माण कार्यों को रोकना पड़ेगा। गौरतलब है कि छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ड रेल परियोजना को पूरा करने के लिए निर्माण विभाग ने मार्च 2020 का लक्ष्य रखा था, लेकिन निर्माण विभाग के डिमांड के अनुसार मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले रेल बजट में छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट परियोजना के लिए बजट जारी नहीं किया गया। एक तरफ बजट के अभाव में परियोजना की रफ्तार मंद हो गई वहीं दूसरी तरफ रेत की कमी से परियोजना पर दोहरी मार पड़ गई। ऐसे में गेज कन्वर्जन विभाग के अधिकारी चिंतित हैं। अधिकारी जल्द ही रेत की कमी को लेकर कलेक्टर को भी पत्र लिखेंगे।
30 सिंतबर तक रेत खनन पर प्रशासन ने लगा रखा है प्रतिबंध
प्रत्येक वर्ष बारिश के समय प्रशासन रेत के उत्खनन पर रोक लगाती है। इस वर्ष मानसून सत्र की अवधि शुरु हो जाने पर कलेक्टर ने बीते 20 जून से जिले भर में नदी से रेत खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। कलेक्टर डॉ. श्रीनिवास वर्मा द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की स्थाई रेत खनन प्रबंधन विषय 2016 के अनुसार बारिश के मौसम में किसी भी नदी के रेत खनन की अनुमति नहीं है। वर्षा ऋतु की अवधि भारतीय मौसम संबंधी आंकड़ों के आधार पर मप्र के दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत और वापसी की सामान्य तिथि 15 जून से 1 अक्टूबर तक नियत है। हालांकि कलेक्टर को इसमें परिवर्तन का अधिकार है। इसे देखते हुए जिले में मानसून सत्र की अवधि 20 जून से 30 सितंबर तक रेत खनन प्रतिबंधित किया गया है।
हो रही रेत की कालाबाजारी
प्रशासन के रेत खनन पर प्रतिबंध लगाने से पहले ही जिले के विभिन्न जगहों पर बड़े पैमाने पर रेत का भंडारण भी किया गया है। वहीं अवैध रेत उत्खनन भी हो रहा है। रेत खनन पर रोक लगने से कालाबाजारी भी जमकर की जा रही है। रेल निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रेत के दाम में भारी उछाल आ गया है। पहले की अपेक्षा अब दोगुने दाम पर रेत खरीदनी पड़ रही है।

छिंदवाड़ा-नागपुर रेल परियोजना में विद्युतिकरण कार्य बाधित
छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना के कार्य लगभग पूरा हो चुका है। हालांकि रेत की कमी के चलते विद्युतिकरण का कार्य बाधित हो रहा है। विद्युत निगम के अधिकारियों के अनुसार छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना में विद्युतिकरण का कार्य चार खंड में किया जा रहा है। जिसमें छिंदवाड़ा से भंडारकुंड और इतवारी से कलोद तक विद्युतिकरण का कार्य पूरा हो चुका है। वर्तमान समय में केलोद से भिमालगोंदी तक विद्युतिकरण किया जा रहा है। इसमें 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। पैरलर रूप से फाउंडेशन, खंभे लगाना, वायरिंग सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन रेत की कमी से कार्य बाधित हो रहा है। निर्माण एजेंसी ने अब तक जो रेत मंगा रखा था उसी से कार्य चल रहा था, लेकिन वह भी कुछ दिन में खत्म हो जाएगा। इसके बाद विद्युतिकरण कार्य बाधित हो जाएगा। हालांकि इससे रेल परिचालन में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट परियोजना हो जाएगी ठप
छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट रेल परियोजना में वर्तमान समय में लगभग 60 प्रतिशत कार्य ही पूरा किया गया है। गेज कन्वर्जन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना को समय पर पूरा करने में काफी अड़चन आ रही है। पहले डिमांड के अनुसार बजट नहीं मिला और अब रेत की कमी रोड़ा बन रही है। रेत के बिना कार्य बढ़ पाना मुश्किल है। गौरतलब है कि निर्माण विभाग ने परियोजना को पूरा करने के लिए रेलवे बोर्ड से इस वित्तीय वर्ष में 400 करोड़ की डिमांड की थी। 1 फरवरी 2019 को जब अंतरिम बजट पेश किया गया तो उसमें छिंदवाड़ा-नैनपुर मंडला फोर्ट के लिए 150 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे। उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार इस परियोजना के लिए शेष राशि जारी कर देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

निर्धारित समय पर पूरी नहीं हो पाएगी परियोजना
जबलपुर से नैनपुर, सिवनी होते हुए छिंदवाड़ा तक ब्राडगेज का कार्य किया जा रहा है। जबलपुर से नैनपुर तक ट्रेन का परिचालन भी हो रहा है। अब गेज कन्वर्जन विभाग नैनपुर से छिंदवाड़ा तक पांच खंडों में कार्य कर रहा है। जिसमें छिंदवाड़ा से चौरई, चौरई से सिवनी, सिवनी से भोमा, भोमा से पलारी, पलारी से नैनपुर शामिल है। गेज कन्वर्जन विभाग ने परियोजना को पूरा करने के लिए मार्च 2020 तक का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब बजट के अभाव और रेत की कमी के चलते परियोजना को पूरा करने में लगभग दो साल लग जाएंगे।

कार्य होगा बाधित

रेत की कमी से निर्माण कार्य कराने में परेशानी हो रही है। निर्माण एजेंसी ने अब तक जो रेत रखे हुए थे उसी से कार्य चल रहा था। एक से दो हफ्ते बाद रेत खत्म हो जाएगी। इसके बाद छिंदवाड़ा-नैनपुर मंडला फोर्ट परियोजना कार्य पूरी तरह बाधित हो जाएगा।
एमआई लावनकर, डिप्टी सीई, गेज कन्वर्जन विभाग, छिंदवाड़ा
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