अमृतसर तक यात्रियों को मिलती है सुविधा
पेंचवैली फास्ट पैसेंजर में एक स्लीपर बोगी छिंदवाड़ा से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के लिए आरक्षित की जाती है। बोगी छिंदवाड़ा से आमला तक जाती है। इसके बाद आमला में बोगी पैसेंजर से अलग हो जाती है। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के आने के बाद बोगी एक्सप्रेस में लगकर अमृतसर तक जाती है। छिंदवाड़ा से हर दिन यात्री इस बोगी में आरक्षण कराते हैं।
पेंचवैली फास्ट पैसेंजर में एक स्लीपर बोगी छिंदवाड़ा से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के लिए आरक्षित की जाती है। बोगी छिंदवाड़ा से आमला तक जाती है। इसके बाद आमला में बोगी पैसेंजर से अलग हो जाती है। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के आने के बाद बोगी एक्सप्रेस में लगकर अमृतसर तक जाती है। छिंदवाड़ा से हर दिन यात्री इस बोगी में आरक्षण कराते हैं।
इस वजह से आ रही समस्या
ट्रेन में दो बोगी को जोडऩे के लिए दो तरह की कपलिंग का इस्तेमाल किया जाता है। एक सेंट्रल बफर कपलर(सीबीसी) एवं दूसरा आर्डनरी कपलर। पेंचवैली फास्ट पैसेंजर के एक रैक में सीबीसी का इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के सभी रैक में आर्डनरी कपलिंग का। यही वजह है कि पेंचवैली पैसेंजर में एक दिन के अंतराल में छत्तीसगढ़ कोच लगकर इंदौर से छिंदवाड़ा नहीं आ पा रहा है।
ट्रेन में दो बोगी को जोडऩे के लिए दो तरह की कपलिंग का इस्तेमाल किया जाता है। एक सेंट्रल बफर कपलर(सीबीसी) एवं दूसरा आर्डनरी कपलर। पेंचवैली फास्ट पैसेंजर के एक रैक में सीबीसी का इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के सभी रैक में आर्डनरी कपलिंग का। यही वजह है कि पेंचवैली पैसेंजर में एक दिन के अंतराल में छत्तीसगढ़ कोच लगकर इंदौर से छिंदवाड़ा नहीं आ पा रहा है।