गिट्टी भराई और पैकिंग का कार्य शेष
गेज कन्वर्जन विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब भिमालगोंदी से भंडारकुंड के बीच ट्रैक पर गिट्टी भरने और पैकिंग का कार्य शेष रह गया है। वह भी कुछ ही दूर तक। अगर ऐसे ही मौसम खुला रहा तो शेष कार्य को करने में अधिकतम दो हफ्ते लगेंगे। इसके बाद आगे की प्रक्रिया दो हफ्ते में पूरी कर ली जाएगी। गौरतलब है कि गेज कन्वर्जन विभाग ने छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना को पूरा करने के लिए जून माह का लक्ष्य रखा था। इस परियोजना के पूरे होने पर मध्यप्रदेश के कई शहरों से महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की दूरियां कम होंगी ही रेलवे को भी दक्षिण भारत की तरफ जाने वाली ट्रेनों के लिए नया रूट मिल जाएगा।
परियोजना की कुल लागत-1420.38 करोड़
छिंदवाड़ा से नागपुर परियोजना की लंबाई-149 किमी
स्टेशनों की संख्या-11
हाल्ट स्टेशनों की संख्या-14
बड़े पुलों की संख्या-28
छोटे पुलों की संख्या-307
टनल की संख्या-2
वर्ष 2015 में नैरोगेज बंद करने के बाद चली प्रक्रिया
1 दिसंबर 2015 को छिंदवाड़ा से नागपुर आमान परिवर्तन परियोजना के लिए छोटी रेल लाइन पर टे्रन का परिचालन बंद कर दिया गया। इसके बाद गेज कन्वर्जन विभाग ने ब्राडगेज के लिए चरणबद्ध कार्य शुरु किया। विभाग ने छिंदवाड़ा से नागपुर कुल 149 किमी रेलमार्ग को चार खंडों में पूरा करने का लक्ष्य बनाया। विभाग ने पहला खंड छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक (कुल 35 किमी) रेलमार्ग का कार्य वर्ष अक्टूबर 2017 में पूरा कर लिया। जनवरी 2018 में छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक ट्रेन का परिचालन भी शुरु हो गया। जनवरी 2019 में दूसरे खंड इतवारी से केलोद तक(47 किमी) रेलमार्ग का भी कार्य पूरा हुआ। 23 फरवरी से इस रेलमार्ग पर ट्रेन का परिचालन भी शुरु कर दिया गया। इसके पश्चात लगभग दो माह बाद ही सीआरएस ने 16 एवं 17 मार्च को केलोद से भिमालगोंदी तक निरीक्षण कर कर एक हफ्ते में ही सर्टिफिकेशन लेटर जारी कर दिया। इस मार्ग पर भी अप्रैल माह से ट्रेन का परिचालन शुरु हो गया है। अब चौथे खंड भिमामलगोंदी से भंडारकुंड 20 किमी का कार्य शेष है।
दस वर्ष पहले रखी गई थी नींव
छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना की नींव लगभग दस वर्ष पहले ही रख दी गई थी। हालांकि अब तक हुए कार्यों को देखें तो परियोजना को पूरा करने की रफ्तार काफी धीमी रही है। रेल अधिकारियों के अनुसार प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद अतिक्रमण, अधिग्रहण और अन्य प्रक्रिया पूरी की गई। जिसमें काफी समय लग गया। इसके पश्चात वर्ष 2016 से छिंदवाड़ा से नागपुर तक छोटी लाइन से बड़ी लाइन परिवर्तन का कार्य तेज रफ्तार से किया गया।
अक्टूबर माह में सीआरएस का प्रयास
मौसम खुलने से भंडारकुंड से भिमालगोंदी तक घाट सेक्शन में कार्य तेज गति से किया जा रहा है। अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक कार्य पूरा करने की कोशिश है।
एके सिंह, डिप्टी सीई, रेल गेज कन्वर्जन विभाग,