छिंदवाड़ा

Indian Railways: कलेक्टर का आदेश भी दरकिनार, हजारों लोगों को दिया सात दिन का अल्टिमेटम

चारफाटक से परतला तक रेलवे बाउण्ड्रीवॉल निर्माण का मामला: मकान खाली करने दिया सात दिन का समय

छिंदवाड़ाSep 06, 2019 / 01:20 am

prabha shankar

chhindwara

छिंदवाड़ा/ मध्य रेलवे ने कलेक्टर के स्टे के बावजूद छिंदवाड़ा मॉडल रेलवे स्टेशन के आउटर से परासिया के बीच रेलमार्ग के दोनों तरफ बाउंड्रीवॉल बनाए जाने को लेकर बुधवार को रेलवे भूमि पर अनाधिकृत रूप से मकान बनाए जाने का दावा करते हुए मकान मालिकों को नोटिस जारी कर दिया। मध्य रेलवे जुन्नारदेव के सीनियर सेक्शन इंजीनियर द्वारा भेजे गए नोटिस में मकान मालिकों को सात दिन का समय दिया गया है। जानकारी के अनुसार नोटिस में कहा गया है कि मध्य रेलवे की भूमि पर अनाधिकृत रूप से आपने अवैध निर्माण किया है।
ऐसे में भारतीय रेलवे के पीपी एक्ट का उपयोग करते हुए इस नोटिस से अधिसूचित किया जाता है कि आप नोटिस प्राप्त होने के सात दिनों के भीतर अनधिकृत रूप से निर्मित निर्माण हटा लें। अगर निर्माण नहीं हटाया गया तो रेलवे कार्रवाई करेगा।
गौरतलब है कि बीते दिनों कांग्रेस नेताओं समेत अन्य लोगों ने अलग-अलग आवेदन देकर मामले को तत्काल रोके जाने का अनुरोध कलेक्टर से किया था। कहा था कि छिंदवाड़ा में जहां से रेलवे की बाउंड्रीवॉल बनना प्रस्तावित किया गया है, वहां बसाहट पुरानी बस्ती के नाम से जानी जाती है जिसकी रजिस्ट्री कागजात सबके पास हैं। निजी मालिकाना हक पर सब काबिज हैं। रेलवे द्वारा इन्हें उजाडऩे का प्रयोजन किया जा रहा है। इस पर कलेक्टर ने स्टे का आदेश दिया था। हैरानी की बात यह है कि स्टे के बावजूद रेलवे ने लोगों को नोटिस भेज दिया।

यह कहा था कलेक्टर ने
कलेक्टर न्यायालय द्वारा अपने आदेश में कहा गया गया था कि आवेदक लंबे समय से प्रस्तावित भूमि पर काबिज होकर निवासरत हैं। ऐसी स्थिति में प्रश्नाधीन भूमि के स्वामित्व के संबंध मेें उभय पक्षों को सुना जाना आवश्यक है। वर्तमान में वर्षा ऋतु होने से आवेदकों को बेदखल करना न्यायसंगत नहीं होगा। ऐसी स्थिति में प्रकरण में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए जाते हैं।

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