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देशी-विदेशी सहजयोगियों ने सुरमधुर भजनों से मोहा मन

locationछिंदवाड़ाPublished: Mar 19, 2019 12:30:19 pm

चार दिवसीय जन्मोत्सव का शुभारम्भ: तीन दिशाओं से निकली शोभायात्रा, पोला ग्राउंड में योगधारा कार्यक्रम का आयोजन

patrika

देशी-विदेशी सहजयोगियों ने सुरमधुर भजनों से मोहा मन

छिंदवाड़ा. सहजयोग की प्रणेता श्रीमाता निर्मलादेवी के जन्मोत्सव की खुशियां मनाने देश-विदेश से सहजयोगी छिंदवाड़ा पहुंच रहे हैं। सोमवार से चार दिवसीय जन्मोत्सव का शुभारम्भ हुआ। पहले दिन शाम पांच बजे शहर की तीन दिशाओं से देश एवं विदेशों से आए सहजयोगियों ने शोभायात्रा निकाली। गुलाबरा, श्रेयांश टॉकीज, पंकज प्लाजा से निकली शोभायात्रा कोतवाली के सामने स्थित निर्मलादेवी आश्रम के पश्चात पोला ग्राउंड पहुंची। हालांकि प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष शोभयात्रा में डीजे और बैंड को शामिल नहीं किया गया था। सहजयोगियों का कहना था कि आचार संहिता तो वजह है ही साथ ही इस बार हम प्रचार-प्रसार में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। हम सभी का उद्देश्य है कि जन-जन मां के मेडिटेशन का लाभ ले। शोभायात्रा के पश्चात पोला ग्राउंड में योगधारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां काफी संख्या में उपस्थित अनुयायियों ने सुरमधुर भजनों का लुत्फ उठाया। देश के विभिन्न प्रांत से एवं विदेशों से आए सहजयोगियों ने वाद्ययंत्रों के साथ हिंदी, संस्कृत, मराठी में देर रात तक भजनों की प्रस्तुति देकर सभी का मन मोहा।
मंगलवार से गुरुवार तक शिवपर्वत लिंगा में जन्मोत्सव के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सुबह छह बजे से ध्यान होगा। इसके पश्चात सुबह १०.३० बजे दीप प्रज्ज्वलन के बाद हवन पूजन होगा। दोपहर को बौद्धिक सत्र चलेंगे और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। २० मार्च को सुबह ध्यान के पश्चात द्वितीय एवं तृतीय सत्र में सेमिनार होगा। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस दिन रात में विशेष उत्सव होगा और रात १२ बजे श्रीमाताजी का जन्मदिवस मनाया जाएगा। २१ मार्च को लिंगा में ही सुबह ध्यान के बाद सभी सहजयोगी मां के आश्रम में दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे। इस दौरान लिंगा में नाडिय़ों और चक्रों की शुद्धि भी सहज तकनीक से कराई जाएगी।
जन्मस्थली पर मां का ध्यान
निर्मलादेवी जन्मोत्सव पर कोतवाली के सामने स्थित निर्मलादेवी आश्रम और लिंगा स्थित ध्यान परिसर को विशेष रूप से सजाया गया है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी काफी संख्या में देश एवं विदेशों से अनुयायी यहां पहुंच रहे हैं। दोनों ही जगहों पर सुबह से लेकर देर रात तक सामूहिक रूप से मां का ध्यान किया जा रहा है।

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