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संक्रमण या लापरवाही यहां हर दिन एक नवजात शिशु की हो रही मौत, जानें हकीकत

locationछिंदवाड़ाPublished: Aug 02, 2018 11:28:13 am

Submitted by:

Dinesh Sahu

विडम्बना या लापरवाही, एसएनसीयू में हर दिन औसत एक शिशु की मौत

Infection or negligence here every day a newborn baby dies

Infection or negligence here every day a newborn baby dies

छिंदवाड़ा. जिला अस्पताल के अंतर्गत संचालित नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में हर दिन औसत एक शिशु की मौत हो रही है। इस प्रकार विगत तीन महीने में 81 शिशुओं की मौत हो चुकी है। यह खुलासा मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा जारी रिपोर्ट में हुआ है।

जानकारी के अनुसार नवजात गहन चिकित्सा इकाई छिंदवाड़ा में एक अप्रैल से 30 जून 2018 तक कुल 81 नवजात शिशुओं की मौत होना बताया गया है। जबकि इनबॉर्न (जिला अस्पताल में जन्में शिशु) और आउटबॉर्न (अन्य संस्थाओं में जन्में शिशु) शिशुओं की संख्या ५३२ बताई गई है। चिकित्सक मौत की वजह विभिन्न कारण बता रहे हैं।
विडम्बना या लापरवाही, एसएनसीयू में हर दिन औसत एक शिशु की मौत

हकीकत यह है कि (एसएनसीयू) नवजात गहन चिकित्सा इकाई छिंदवाड़ा में बीस वार्मर मशीनों की क्षमता है, लेकिन प्रतिदिन क्षमता से अधिक शिशुओं को यहां भर्ती किया जाता है। इसके कारण एक वार्मर मशीन में दो या इससे अधिक शिशु रखे जाते हैं। कई बार एक शिशु का संक्रमण दूसरे को प्रभावित कर देता है। इस वजह से भी नवजातों की मौत हो जाती है।

पर्याप्त स्टाफ


नवजात शिशुओं की केयर करने के लिए नवजात गहन चिकित्सा इकाई छिंदवाड़ा (एसएनसीयू) विभाग में चार डॉक्टर तथा 18 नर्सिंग व अन्य स्टाफ कार्यरत हैं। वहीं 20 वार्मर मशीन हैं। इसके बावजूद विभाग में इतनी संख्या में नवजात शिशुओं की मौत होना विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। इस संदर्भ में विभाग प्रभारी डॉ. सुशील राठी ने कोई जवाब नहीं दिया।

एक अप्रैल से 30 जून 2018 तक की स्थिति


माह इनबॉन आउट बॉन कुल संख्या कुल मृत शिशु


अप्रैल 95 70 165 27
मई 107 111 218 25
जून 67 82 149 29
रिपोर्ट सीएमएचओ कार्यालय छिंदवाड़ा से मिली जानकारी के अनुसार
हो चुकी है कई संस्थाओं में घटनाएं

एसएनसीयू विभाग में लापरवाही के चलते कई चिकित्सा संस्थाओं में बड़ी घटनाएं घट चुकी है। शार्टसर्किट से आग लगने तथा संक्रमण के कारण नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद प्रबंधन मामलों को गंभीरता से नहीं लेता है। हालांकि छिंदवाड़ा एसएनसीयू में अब तक कोई बड़ी घटना नहीं हुई है
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