छिंदवाड़ा

Inflation Impact : चूल्हे की ओर लौट रहा शहर, खरीदी के लिए मची होड़

शहर में बिकने आए आधुनिक चूल्हे, एक माह में एक हजार से अधिक बिक्री

छिंदवाड़ाMay 18, 2022 / 10:55 am

prabha shankar

chhindwara

विनय पुरवार
छिंदवाड़ा। रसोई गैस की बढ़ती कीमत से परेशान आम जनता खाना बनाने के परंपरागत तरीके की ओर लौट रही है।
चूल्हे के प्रयोग को रोकने के लिए घरेलू रसोई गैस का चलन शुरू किया गया, लेकिन गैस महंगी होने से अब लोगों को वापस चूल्हे की ओर ढकेलना शुरू कर दिया है। शहर के एक हजार से अधिक लोगों ने चूल्हे खरीद लिए हैं। यह चूल्हा न तो इलेक्ट्रॉनिक है और न ही सोलर ऊर्जा से चलने वाला है। यह पहले के चूल्हे जैसा लकड़ी से जलने वाला है। चूल्हा कंपनी का दावा है कि इन चूल्हों में लकड़ी की खपत आधी होती है। धुंआ की निकासी एक चौथाई से भी कम है। शहर में रहने वाले लोगों में पिछले दिनों चूल्हा खरीदने की होड़ सी लग गई। सोनपुरमल्टी में देखते ही देखते 400 रुपए की कीमत चुकाकर आधा सैकड़ा से अधिक लोगों ने चूल्हा खरीद लिया है। शहर में कंपनी के कर्मचारी यहां-वहां वाहन लगाकर बेच रहे हैं। लोगों को गैस महंगी पडऩे की वजह से ये चूल्हे पसंद भी आ रहे हैं।

गैस के पुराने दाम के बराबर लकड़ी की खपत
चार साल पूर्व गैस के दाम 500 रुपए थे जो वर्तमान में 1000 रुपए से अधिक है। चूल्हे में हर दिन दो से ढाई किलो लकड़ी, दोनों समय का खाना बनाने के लिए लग जाती है। वर्तमान में जलाऊ लकड़ी की कीमत सात रुपए किलो है। एक माह का खाना बनाने के लिए 450 रुपए से लेकर 500 रुपए तक की लकड़ी की खपत हो जाती है, जो गैस की कीमत से आधी है।

चूल्हे बनाने वाली कम्पनी का दावा
एक कंपनी ने यह चूल्हा बेचना शुरू किया है। कम्पनी परिवार का आइडी जमा करवाती है और 400 रुपए में लोहे का चूल्हा देती है। कम्पनी का दावा है कि लकड़ी का खर्च 65 प्रतिशत तक कम हो जाता है, धुंआ भी कम निकलता है। कम्पनी के प्रतिनिधि उदित अग्रवाल ने बताया कि शहर में पिछले एक माह में 1000 से अधिक लोगों ने चूल्हा खरीदा है।

Home / Chhindwara / Inflation Impact : चूल्हे की ओर लौट रहा शहर, खरीदी के लिए मची होड़

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.