छिंदवाड़ाPublished: Oct 10, 2018 05:05:13 pm
Sanjay Kumar Dandale
चिकित्सकों ने बच्ची को स्टेविन जोहन्सन सिन्ड्रम की बीमारी बताई है।
थेलेसीमिया
परासिया . जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए लाई गई एक चार वर्षीय बच्ची को बिना इलाज के वापस करने और परिजन के साथ दुव्र्यवहार करने का आरोप लगाते चिकित्सकों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है।
परासिया निवासी खेल प्रशिक्षक अंजलि श्रीवास्तव ने शिकायत में बताया है कि वह अपनी भतीजी चार वर्षीय आरूही श्रीवास्तव की तबीयत अधिक खराब होने के कारण जिला अस्पताल लेकर गई थी वहां ओपीडी में उपस्थित चिकित्सक एके जैन तथा उपेन्द्र भारद्वाज ने बच्ची को दूर से देखकर छूत की बीमारी बताते हुए कमरे से बाहर भगा दिया। इस दौरान उनके साथ दुव्र्यवहार किया गया। परिजन ने बच्ची को नागपुर के अस्पताल मे भर्ती किया लेकिन उस समय तक बच्ची की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई। मंगलवार को कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे परिजन ने बताया कि चिकित्सकों का व्यवहार अमानवीय था और चिकित्सीय जिम्मेदारी में लापरवाही बरती गई इसलिए उनके विरूद्व कार्यवाही होनी चाहिए। बच्ची की बुआ अंजलि ने बताया कि निजी अस्पताल का बिल दो लाख रुपए हो गया है। चिकित्सकों ने बच्ची को स्टेविन जोहन्सन सिन्ड्रम की बीमारी बताई है। बीपीएल कार्ड है लेकिन राज्य बीमारी सहायता योजना में उपरोक्त बीमारी सूची में नहीं है। आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड भी है लेकिन महाराष्ट्र में यह योजना लागू नहीं है। निजी अस्पताल पूरा बिल जमा करने दबाव बना रहे है।