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Inspiration: एलएलबी पास मनीषा घर में रहकर करती हैं हजारों की आय, पढ़ें पूरी खबर

locationछिंदवाड़ाPublished: Oct 24, 2020 12:07:46 pm

Submitted by:

ashish mishra

घर पर ही टिफिन सेंटर का बिजनेस शुरु किया।

Inspiration: एलएलबी पास मनीषा घर में रहकर करती हैं हजारों की आय, पढ़ें पूरी खबर

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छिंदवाड़ा. दृढ़ इच्छाशक्ति, मजबूत इरादे और कड़ी मेहनत हर किसी को सफल बना सकते हैं। बरारीपूरा निवासी मनीषा गाजरवाल के साथ भी कुछ ऐसा ही है। मनीषा एलएलबी पास हैं। पारिवारिक स्थिति कुछ ऐसी बनी की वह इस क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पाई। आर्थिक रूप से संपन्न होने के लिए उन्होंने गृहस्थी संभालते हुए घर पर ही टिफिन सेंटर का बिजनेस शुरु किया। आज वह प्रतिमाह 25 से 30 हजार रुपए प्रतिमाह आमदनी कर रही हैं। मनीषा कहती हैं कि इस काम में मेरे पति मनोहर गाजरवाल ने मेरा पूरा साथ दिया अगर उनका साथ न होता तो शायद मैं कुछ नहीं कर पाती। मनीषा प्रतिदिन सुबह पांच बजे उठकर गृहस्थी के काम में लग जाती है। इसके बाद सुबह 8 बजे से टिफिन सेंटर के लिए खाना बनाती हैं। दोपहर दो बजे तक वह इस काम में लगी रहती हैं। इसके बाद परिवार को देखती हैं और फिर शाम पांच बजे से टिफिन के काम में लग जाती है। इसके बाद रात 9 बजे तक सबको खिलाने के बाद फुसरत होती है। मनीषा वर्ष 2010 से टिफिन सेंटर चला रही हैं। इस दौरान बहुत जरूरी होने पर ही उन्होंने एक से दो दिन की छुट्टी की। मनीषा कहती हैं कि जो भी मेरे यहां से टिफिन लेता है उसे मैं अपने बच्चे की तरह ही मानती हूं। अगर मैं एक दिन भी ब्रेक करूंगी तो उन्हें परेशानी होती है। मनीषा के पिता एसएएफ में रहे और माता गृहिणी। मनीषा तीन भाई और चार बहनों में सबसे छोटी हैं और सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी थी। मनीषा की मां चाहती थी कि वह आगे भी पढ़ाई जारी रखें, लेकिन सभी बहनों की शादी होने के बाद घर की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई। इस वजह से उनका पढ़ाई से ध्यान हट गया। वर्ष 1997 में उनकी शादी बरारीपूरा निवासी मनोहर गाजरवाल से हुई। पति एक प्लाइवुड फैक्ट्री में काम करते थे। कुछ समय बाद फैक्ट्री बंद हो गई। सास के पेंशन और पति के बचत के पैसे से घर का खर्च चलता रहा। हालांकि जीविका के लिए यह प्रर्याप्त नहीं था। दूसरी तरफ बच्चे भी बड़े हो रहे थे। इन सबको देखते हुए मनीषा ने पति के सहयोग से घर पर ही टिफिन सेंटर चालू किया। शुरुआत में एक से दो लोग ही टिफिन लेते थे, लेकिन धीरे-धीरे खाने की तारीफ होने लगी और टिफिन का कारोबार अच्छा चल निकला।
लॉकडाउन में भी नहीं रहने दिया किसी को भूखा
कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन में भी मनीषा ने टिफिन सेंटर बंद नहीं किया। अगर किसी के पास पैसे नहीं थे तो उन्होंने उसे भी खाना खिलाया। मनीषा कहती हैं कि हर काम में ईमानदारी होनी चाहिए। व्यवसाय में घाटा और फायदा होता रहता है। दुआएं भी जरूरी हैं।
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