scriptInternational tea day: महेश की चाय पीकर आप भी कह उठेंगे वाह उस्ताद क्या चाय है | international tea day: Wow master what is tea | Patrika News

International tea day: महेश की चाय पीकर आप भी कह उठेंगे वाह उस्ताद क्या चाय है

locationछिंदवाड़ाPublished: Dec 15, 2019 12:04:34 pm

Submitted by:

ashish mishra

अलग तरीके से चाय बनाने वाले महेश साहू

International tea day: महेश की चाय पीकर आप भी कह उठेंगे वाह उस्ताद क्या चाय है

International tea day: महेश की चाय पीकर आप भी कह उठेंगे वाह उस्ताद क्या चाय है

छिंदवाड़ा. चाय हर किसी को पसंद होती है। रोजाना सुबह एक कप कडक़ चाय मिल जाए तो मानो पूरा दिन बन जाता है। एक प्याली चाय आपको ताजगी का एहसास करवा देती है। कई लोग चाय के इस कदर दिवाने होते हैं कि उनकी नींद भी एक कप चाय से ही खुलती है। समय के साथ चाय बनाने में भी प्रयोग होने लगे हैं जो स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो रहे हैं। रविवार को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के उपलक्ष्य में हमने अलग तरीके से चाय बनाने वाले महेश साहू से बातचीत की। महेश मूलरूप से झांसी के रहने वाले हैं। विगत 8 वर्ष से वह छिंदवाड़ा शहर में घूम-घूमकर चाय बेचते हैं जो लोगों को खुब पसंद आ रही है। महेश की एक कप चाय पीकर हर किसी के मुंह से यही शब्द निकलता है कि वाह उस्ताद क्या चाय है…।

गैस की बीमारी दूर हुई तो बेचने लगे मसाला चाय
32 वर्षीय महेश का ट्रक कंडक्टर से लेकर चाय बेचने तक का सफर भी काफी दिलचस्प है। महेश के परिवार में माता-पिता एवं एक बड़े भाई हैं। महेश की पत्नी और एक बेटा है। महेश ने बताया कि 8 वर्ष पहले तक मैं ट्रक कंडक्टर का काम करता था। मुझे पेट में गैस हो जाती थी। उसी दौरान मुझे किसी ने मसाला चाय पीने की सलाह दी। चाय पीने से ताजगी के साथ ही गैस की भी समस्या धीरे-धीरे खत्म हो गई। मैंने घर पर सबको बताया। इसके बाद मैंने यह सोचा की इसे ही रोजगार के रूप में अपनाया जाए। लोगों का स्वास्थ्य तो अच्छा रहेगा ही साथ ही मुझे रोजगार भी मिल जाएगा। इसके बाद मैंने जानकारी जुटाई और फिर लोगों को मसाला चाय पिलाने लगा।
महेश की चाय का रहता है इंतजार
महेश बुधवारी बाजार में अकेले रहते हैं। उन्होंने बताया कि मैं प्रतिदिन हाथ में ही चाय की केतली लेकर शहर में घूमता हूं। केतली के नीचे ही जुगाड़ से भट्टी भी लगा रखी है। जिससे मसाला चाय हमेशा गर्म रहती है। महेश प्रतिदिन 10 से 15 किमी पैदल चलकर लोगों को चाय पिलाते हैं। महेश की चाय कुछ लोगों को तो इतनी पसंद है कि वे पूरा दिन इसका इंतजार करते हैं।
इस तरह बनाते हैं मसाला चाय
महेश ने बताया कि मैंने काली मिर्च, जीरा, सौंठ, सेना नमक, लौंग मिलाकर मसाला तैयार किया हुआ है। पानी में चायपत्ती, चीनी गर्म करने के बाद अलग से चाय में तैयार मसाला और नींबू डालता हूं।

प्रतिदिन होती है तीस सौ रुपए तक की कमाई
महेश ने बताया कि मेरे पास खेत नहीं है। कमाई का साधन कुछ नहीं था तो मैं मसाला चाय बेचकर ही जीवन यापन कर रहा हूं। महेश कहते हैं कि मसाला चाय तैयार करने में ज्यादा समय नहीं लगता। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। प्रतिदिन सब खर्चा निकालकर तीन से चार सौ रुपए तक की आमदनी भी हो जाती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो