छिंदवाड़ाPublished: Jul 27, 2023 09:23:54 pm
manohar soni
सामाजिक न्याय विभाग में रखा एक करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट
छिंदवाड़ा.नगर निगम के सामूहिक विवाह के चार माह बाद भी नगर निगम आयोजन खर्च के बिल सामाजिक न्याय विभाग में प्रस्तुत नहीं कर पाया है। इस विभाग में एक करोड़ रुपए से अधिक राशि रखी हुई है। निगम अधिकारियों की लापरवाही से बैंड, घोड़ी, वरमाला, टेंट और भोजन समेत अन्य एजेंसियों के भुगतान नहीं हो पाए हैं।
बता दें कि बीती 13 मार्च को सामूहिक विवाह में 1304 जोड़ों ने फेरे लिए थे। जिनकी उपहार सामग्री जेवर, फर्नीचर समेत अन्य में गुणवत्ता के सवाल पर प्रभारी मंत्री के आदेश पर प्रशासन ने जांच कराई थी। इस जांच में सप्लायर्स दोषी पाए गए और उनके सामान को अमान्य भी कर दिया गया। शेष 27 हजार रुपए की उपहार सामग्री के चेक प्रति जोड़ों को दे दिए गए। उसके बाद से निगम अधिकारी आयोजन से जुड़े दूसरे सेवा प्रदाताओं के भुगतान पर कोई निर्णय नहीं ले पाए हैं।
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निगम को छोड़ दूसरे निकायों के बिल भुगतान
इस विवाह को चार माह बीत गए हैं। नगर निगम को छोड़कर पूरे जिले के नगरीय निकायों में हुए सामूहिक विवाह आयोजन के बिल पास हो गए और सेवा प्रदाताओं को मिल गए हैं। फिर निगम में छोटे सेवा प्रदाताओं परेशान किया जा रहा है। इससे निगम की छबि खराब हो रही है। इस लेटलतीफी से अगली बार अगली बार ये सेवा प्रदाता निगम को सेवा देने में कतराएंगे। फिलहाल निगम अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडऩे में माहिर है।
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भोजन-टेंट के बड़े बिल, शेष छोटे सेवा प्रदाताओं के
सामूहिक विवाह में भोजन और टेंट के बिल 50 लाख रुपए पार हो सकते हैं लेकिन बैंड, घोड़ी, श्रृंगार सामग्री समेत अन्य सेवा प्रदाताओं के बिल पांच जार से 50 हजार रुपए के बीच होंगे। इन बिलों का भुगतान किया जा सकता है। राज्य शासन ने आयोजन कर्ता निगम को छह हजार रुपए प्रति जोड़े खर्च का प्रावधान किया है। 1304 जोड़े के हिसाब से 78 लाख रुपए खर्च होंगे।
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आयोजन बिल आ जाए तो कोषालय से होगा भुगतान
सामान्य न्याय विभाग के अनुसार सामूहिक विवाह आयोजन में खर्च का बिल लगाया जाए तो कोषालय से उसका भुगतान हो जाएगा। विभाग के पास प्रदेश का संयुक्त बजट पड़ा हुआ है। इसकी राशि 1.08 करोड़ रुपए है।
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इनका कहना है...
सामूहिक विवाह के आयोजन में सेवा प्रदाताओं के बिल भुगतान के बारे में आयुक्त से चर्चा करेंगे। इस समस्या का हल निकाला जाएगा।
-विक्रम अहके, महापौर नगर निगम।
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नगर निगम की ओर से आज तक आयोजन खर्च के देयक सामाजिक न्याय विभाग में पेश नहीं किए गए हैं। इसकी राशि 1.08 करोड़ रुपए है। बिल लगाए जाने पर विभागीय प्रक्रिया से भुगतान हो जाएगा।
-एसके गुप्ता, उपसंचालक सामाजिक न्याय।