scriptप्रभारी प्राचार्य को चार साल की जेल | Judicial decision in case of bribe | Patrika News

प्रभारी प्राचार्य को चार साल की जेल

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 18, 2019 12:40:06 am

Submitted by:

prabha shankar

न्यायालय ने दिया निर्णय

pocso act : court send two man to prison in charged of teasing

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छिंदवाड़ा. घूसखोरी के एक मामले पर करीब चार साल सात माह बाद फैसला सुनाया गया। विशेष सत्र न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) छिंदवाड़ा ने बचाव और अभियोजन पक्ष के तर्कों को सुनने के बाद रिश्वत लेते पकड़े गए आरोपी को बुधवार कठोर सजा सुनाई गई। 25 जनवरी 2015 को जबलपुर लोकायुक्त ने घूस लेते हुए प्रभारी प्राचार्य को गिरफ्तार
किया था।
प्रभारी प्राचार्य को न्यायालय ने दोषसिद्ध होने पर चार वर्ष के सश्रम कारावास और दस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। आवेदक सुरेंद्र कुमार मेहरा ने 21 जनवरी 2015 को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर के समक्ष एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया था। आवेदन में सुरेन्द्र कुमार ने उल्लेख किया था कि वह संविदा शिक्षाकर्मी वर्ग तीन के पद पर माध्यमिक शाला हर्राकछार जिला छिंदवाड़ा में पदस्थ है। अरुण कुमार गढ़वाल तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य हायर सेकंडरी स्कूल छिंदी जिला छिंदवाड़ा सुरेन्द्र का वेतन निकालने तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही न करने के एवज में पांच हजार रुपए रिश्वत मांग रहा है। शिकायत सही है यह जानने के बाद जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने 25 जनवरी 2015 को बस स्टैंड तामिया में दो हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
न्यायालय ने इन धाराओं में सुनाई सजा
प्रकरण में अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों पर विचार करने के बाद आरोपी अरुण कुमार गढ़वाल को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13 (1) (ठ), 13 (2) के अपराध में दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदंड, धारा 13 (1) (ठ), सहपठित धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में चार साल का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। जुर्माना अदा न करने की दशा में छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास से दण्डित किया जाएगा। प्रकरण में शासन की ओर से समीर कुमार पाठक जिला अभियोजन अधिकारी एवं विशेष लोक अभियोजक छिंदवाड़ा ने पैरवी की है।

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